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कोरोना को ले कर ब्रिटेन के वैज्ञानिकों का दावा – सितंबर तक आ जाएगी कोरोना की वैक्सीन

कोरोना को ले कर ब्रिटेन के वैज्ञानिकों का दावा – सितंबर तक आ जाएगी कोरोना की वैक्सीन

कोरोना, मुख्य
दुनिया में कोरोना वायरस( Coronavirus – Covid -19) के वैक्सीन बनाने के बहुत सारे दावा आप ने सुना होगा एक ऐसे ही दावा ब्रिटेन के Oxford  University के प्रोफेसर सारा गिलबर्ट ने किया है ये Oxford  University के  वैक्सीनोलॉजी डिपार्टमेंट की प्रोफेसर है जिन्होंने कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने का दावा किया है, इन्होंने सितंबर तक वैक्सीन आने की दावा किया है| कोरोना वायरस एक ऐसा नाम जिससे आज दुनिया का हर व्यक्ति परिचित है जो एक महामारी बन चुकी है, इस बीमारी ने दुनिया के लगभग 22 लाख से भी ज्यादा लोगों को संक्रमित कर दिया है, जबकी 1.5 लाख लोग से अधिक लोगों को मौत की नींद सुला चुका है, इस बीमारी ने सबको हैरत में डाल रखा है | कोरोना वायरस के इलाज खोजने के लिए पूरी दुनिया में शोध हो रही है | इस बीमारी से सबसे अधिक प्रभावित देश, अमेरीका (United States), Spain, Italy, Germany, France, U
बार-बार होती है पैरों व हाथ में जलन तो ट्राई करें ये 8 घरेलू नुस्खे, जल्द दूर हो जाएगा दर्द और मिलेगी राहत

बार-बार होती है पैरों व हाथ में जलन तो ट्राई करें ये 8 घरेलू नुस्खे, जल्द दूर हो जाएगा दर्द और मिलेगी राहत

घरेलू नुस्खे, मुख्य
पैरों में जलन एक आम समस्या बनती जा रही है, आज कल के भाग दौड़ की जीवन मे उचित खान पान नहीं मिल पता है जिससे तमाम सारे परेसनियों का सामाना करना पड़ता है | जिसमे कुछ व्यक्ति की शिकायत होती है की उसके पैरों और हाथ मे जलन और झनझनाहट होती है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता | यही आप के साथ ऐसी स्थिति आती है तो आप अपने डॉक्टर से बात करें | इस तरह के समस्या के कारणों को अपने डॉक्टर से समझना चाहिए। यदि आप ऐसे समस्याओं को नजरअंदाज करते है तो हो सकता है की आगे चलकर आप को और गंभीर रूप ले सकता है जिससे तमाम सारी परेसनियाँ हो सकती हैं | क्यों की इस तरह के प्रॉब्लेम से आप को डायबिटीज (Diabetes), हाइपोथायराइडिज्म (Hypothyroidism), ब्लड प्रेशर (blood pressure), पोषण की कमी और किडनी रोग जैसी तमाम स्वास्थ्य समस्याएं आपके पैरों में जलन का कारण हो सकती हैं। इसके अलावा कभी-कभी आपके पैर सुन्न भी हो सकते हैं।
2020 में दुनिया का अंत! क्या सच होगी भविष्यवाणी? सच जानने के लिए पूरा पढ़ें

2020 में दुनिया का अंत! क्या सच होगी भविष्यवाणी? सच जानने के लिए पूरा पढ़ें

अंतरिक्ष, मुख्य
क्या हुआ आप चौक गाए, जी यह एक भविष्यवक्ता की भविष्यवाणी है जिनका नाम “जॉन ऑफ पोटेमस” जिन्होंने 'बुक ऑफ रिविलेशन' के 5 से 8 अध्याय में धरती पर होने वाली घटनाओं की भविष्यवाणी की थी. जिसमे उन्होंने सातवीं सील में दुनिया के अंत की भविष्यवाणी की गई है| यही नहीं उनके गुरु ‘ग्रेग सेरेडा’ भी “जॉन ऑफ पोटेमस” के बुक 'बुक ऑफ रिविलेशन' से इत्तेफाक रखते हैं और वे इस बात को मानते हुए कहाँ की निश्चित ही सातवीं सील खुलने पर दुनिया का सर्वनाश होगा | इस बात को कई YouTuber और blogger ने भी ये दावा किया है की 'बुक ऑफ रिविलेशन के अनुसार 2020 मे . सातवीं सील खुलेगी और उसके बाद मानव जाती का इस धरती से अंत हो जाएगा | साथ ही वे छठी सील की भी बात किए है जिसमे बहुत से बात उन्होंने शेयर किया है लेकिन सबसे चौकने वाली बात ये है की 2020 मे जो कुछ दावा किया गया है और जिस तरह के तथ्य बताएं गये है ओ अपने आप
Article 370 क्या है? आखिर क्या है इसका इतिहास

Article 370 क्या है? आखिर क्या है इसका इतिहास

देश, सामान्य ज्ञान ( GK )
धारा 370 क्या है ? एक ऐसा कलंक जिसे भारत देश  पर थोपा गया अपने ही राजनेताओं के द्वारा जिसे हमारे गृह मंत्री अमित साह ने Article 370 और Article 35A को पूरी तरह से हटाने का ऐलान किया , जिसके बाद देश की बड़ी पार्टिया जिनका वोट बैंक मुस्लिम समाज पर टिका था उन्होंने इसका विरोध किया जिससे पुरे देश में चर्चा हुयी । यह एक बहुत बड़ा ऐतिहासिक घोषणा थी जिसे 5 August 2019 को लाया गया था । इसके बाद भी सवाल उठता है की ये अनुच्छेद 370  हटाना इतना जुरूरी/महत्वपूर्ण क्यों है, यदि आप भी इस बात को ले कर कंफ्यूज है तो पहले आप को अनुच्छेद ३७० के बारीकियों को समझना होगा। क्यों की इसके बारीकियों के जाने बिना आप इस बिषय को नहीं समझ सकते । इसके कुछ ऐसे बाते है जिसे आप को जानना चाहिए । जम्मू और कश्मीर राज्य को कुछ विशेष अधिकार प्रदान करता है  Article  370 ।  फिर सवाल उठता है
मधुमेह (diabetes ) क्या है? डायबिटीज कैसे होता है? क्या लक्षण हैं? डायबिटीज से कैसे बचें? How To Control Diabetes?

मधुमेह (diabetes ) क्या है? डायबिटीज कैसे होता है? क्या लक्षण हैं? डायबिटीज से कैसे बचें? How To Control Diabetes?

मुख्य, लाइफस्टाइल (जीवन शैली), स्वास्थ्य
आज कल के भाग दौड़ भरी जिंदगी में मोटापा (obesity) और डायबिटीज diabetes (मधुमेह ) दो सबसे बड़ी स्वास्थ्य समस्याएं हैं आम होती जा रही है । भाग दौड़ भरी  जीवनशैली, गलत खानपान इसके प्रमुख कारण हैं लेकिन जीवनशैली और खानपान की आदतों में सुधार करके हम इन समस्याओं से बच सकते हैं। मधुमेह (डायबिटीज ) में ब्लड शुगर (Blood sugar ) बहुत बढ़ जाता है जिससे शरीर की इंसुलिन उत्पादन क्षमता (Insulin production capacity ) प्रभावित होने लगती है। जिसके कारण कई ऐसा समस्याएं आने लगी है जिसके चलते शरीर सक्रिय रूप से इंसुलिन का इस्तेमाल ही नहीं कर पाता हैं । https://www.youtube.com/watch?v=RecBt-v3sQc मधुमेह के लक्षण (Symptoms of diabetes):- - बहुत ज्यादा या बार बार प्यास लगना - आँखों की रौशनी कम होना (दृष्टी धुंधली होना) - लगातार भूख लगना - बार-बार पेशाब का आना - अकारण वजन कम होना - कोई भ
असंभव कुछ नहीं

असंभव कुछ नहीं

कहानी, जीवन वृत्त, मुख्य, व्यक्ति चित्र
हमारा जीवन बहुत कठिन है या में कुछ नहीं कर सकता ये शब्द आपने अकसर अपने आस पास के लोगो से सुना होगा और जब हमारे जीवन में एकसाथ बहुत सी मुश्किल हो तब, हम मुश्किलों का सामना करने की वजह उससे कही दूर भागने की सोचते हैं पर वास्तव में क्या ऐसा हो पाता है नहीं बल्कि हम उसकी चिंता में अपना आत्मविश्वास भी खो बैठते है और बिना कुछ किये ही हार मान लेते हैं जबकि वास्तव में हमने उसके लिए कोई प्रयास ही किया ही नहीं होता | आपको एक कहानी सुनाता हु ये कहानी है एक ऐसी लड़की की जो उत्तर प्रदेश के आंबेडकर नगर की निवासी है और अपने दिल में अपने सपनो को जिन्दा रखकर उन्हें पूरा करने की कोशिश कर रही थी दोस्तों यह बात उन दिनों की है जब यह लखनऊ से दिल्ली ट्रैन से आ रही थी तब ट्रैन में मौका पाकर बरेली के पास बदमाशों ने इनसे लूटपाट करने की कोशिश की तब इन्होने उसका विरोध किया तो उन बदमाशों ने इन्हे ट्रैन से बाहर
माँ वक्त वो ना रहा….

माँ वक्त वो ना रहा….

कविता, चिट्ठी पतरी, मुख्य, सोशल मीडिया, हिन्दी साहित्य
माँ वो वक्त वो ना रहा... ज़ब बचपन माँ तुम्हारे आंचल की छाँव में गुजरता था... ना कोई चिंता होती तब ना कोई फ़िक्र का पहरा रहता  था __ जब रोती कभी आँखें तो माँ चुप कराया करती थी.... अपने प्यार के उस आँचल में मुझे कही छुपाया करती थी.... जब रोज पापा के डर से सरारत कम हो जाया करती थी... किसी का डांटना चिल्लाना भी तब उतना नहीं अखरता था... आज की इस दुनिया मे सब उल्टा सा लगता है__ ना वो बचपन का प्यार अब कही भी दिखता है__ तब मतलब, स्वार्थ, पैसो की दुनिया भी नहीं होती थी__ जलन,  ईर्ष्या, द्वेष की ज्वाला भी ना होती थी __ आज तो हर पग-पग पर पैरों मैं जंजीरें हैँ__ ठुकराते हैँ सब यहां सब खूब ही मुझे रुलाते हैं__ झूठें किस्सों के किरदार भी मुझको कभी बनाते हैं___ माँ तब मे टूट जाता हु सबसे रूठ जाता हुँ __ तुझे याद करके माँ मैं अक्सर रो भी जाता हुँ __
जिंदगी के पड़ाव

जिंदगी के पड़ाव

कविता, मुख्य, हिन्दी साहित्य
  जिंदगी के पड़ाव पर हमनें चलते देखा , हमनें रुकते देखा | हमनें थकते देखा, थक कर रुक जाते और मुरझाते देखा, धरा के इस पञ्च तत्व में, विलय शून्य बन जाते देखा जिंदगी के पड़ाव पर हमनें चलते देखा , हमनें रुकते देखा || थक गए चलते-चलते, मंजिल का विश्राम नहीं, ऐसे मानों राह बड़ा, पथ का कोई ज्ञान नहीं | खोज रहे उस पावक पथ को, निज पाओं से चलते-चलते, जब थक कर चूर हुए अरमान, तब आसमान की ओर भी देखा, उजियारे भी चले गए, अब अंधकार के बादल बैठे, उन्नत मस्तक अरमानों का, अपमानों से सम्मानों तक, कभी मिलते देखा, कभी लड़ते देखा, कभी चलते देखा, कभी रुकते दखा, जिंदगी के पड़ाव पर हमनें चलते देखा , हमनें रुकते देखा || कभी पावों के निचे अंगारें, कभी प्रलय की घोर घटायें, कभी अपनों के कल कहार में, घोर घृणा और दीर्घ हार में , नफरत के इस अंगार में हमनें सुलगते देखा, हमनें धधकते देखा, नफरत के इस
अटल बिहारी वाजपेयी अब नहीं रहें हमारें बिच – 93 साल की उम्र में एम्स में ली अंतिम सांसें, PAK, US, चीन से आए शोक संदेश

अटल बिहारी वाजपेयी अब नहीं रहें हमारें बिच – 93 साल की उम्र में एम्स में ली अंतिम सांसें, PAK, US, चीन से आए शोक संदेश

देश
भारत रत्न, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में 5 बजकर 5 मिनट पर अंतिम सांसें ली | 93 वर्ष के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी का लम्बे समय से इलाज चल रहा था | वाजपेयी को 2014 में देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था | श्री अटल बिहारी वाजपेयी 3 बार प्रधानमंत्री रहे, वह पहली बार 1996 में प्रधानमंत्री बने और उनकी सरकार सिर्फ 13 दिनों तक ही चल पाई थी | 1998 में वह दूसरी बार प्रधानमंत्री बने थे और 1999 में वाजपेयी तीसरी बार प्रधानमंत्री बने और 5 सालों का कार्यकाल पूरा किया | 1991, 1996, 1998, 1999 और 2004 में वे लखनऊ से लोकसभा सदस्य चुने गए | उनके खुद के शब्दों में ‘मैं जी भर जिया, मैं मन से मरूं, लौटकर आऊंगा, कूच से क्यों डरूं’. 2009 से ही वे व्हीलचेयर पर थे, वे डिमेंशिया नाम की गंभ