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दुनिया

100 किलो का अजगर जीसे दिखने से हड़कंप , JCB से किया रेस्क्यू, वीडियो हुआ वायरल

100 किलो का अजगर जीसे दिखने से हड़कंप , JCB से किया रेस्क्यू, वीडियो हुआ वायरल

दुनिया, मुख्य
अजगर तो सभी ने देखा होगा, भले ही ज्यादा तर लोगों ने इंटरनेट पर देखा होगा, एक ऐसा विशाल के जीव जो बड़े से बड़े जानवर को जींद निगल जाता है । एक ऐसे ही अजगर  का विडिओ जो इंटरनेट पर खूब वायरल हो रहा है। आप ने अक्सर एनाकोंडा के बारे मे सुन होगा जो दुनियाँ के सबसे बड़े और लम्बे जीव में से एक है, आप ने कई बार फिल्मों में देखा होगा, लेकिन ये विशाल काय जानवर काही और नहीं बल्कि ये घटना झारखंड के धनबाद में FCI कैंपस  की है, जहां वन विभाग के कर्मचारियों ने 100 Kg का अजगर को JCB से रेस्क्यू  कर उठाया, इस जानवर को बिना जेसीबी के रेस्क्यू नहीं किया जा सकता था, इस लिए आनन- फानन में JCB का सहारा लेना पड़ा । जब तक अजगर जमीन पर था लोगों ने ज्यादा सीरीअस हुए लेकिन जैसे ही JCB ने ऊपर उठाया लोग देख कर दंग रह गए। कई लोग तो भयभीत हो कर भाग गए लेकिन कुछ लोगों ने हिम्मत कर के विडिओ बनाया और
मच्छरों से जुड़े कुछ रोचक तथ्य क्या है? जिसे आप जान कर हैरान हो जाएंगे | Some interesting facts related to mosquitoes in Hindi?

मच्छरों से जुड़े कुछ रोचक तथ्य क्या है? जिसे आप जान कर हैरान हो जाएंगे | Some interesting facts related to mosquitoes in Hindi?

दुनिया, मुख्य, स्वास्थ्य
मच्छर एक ऐसा नाम, जिसके नाम में तो कोइ दम नहीं लेकिन इनके कारनामे से आज पूरी दुनिया परेसान और हैरान है, आज के समय में देखा जाए तो दुनिया का सबसे खतरनाख जानवर मच्छर है क्योंकि मच्छर के चलते दुनिया में सबसे अधिक मौतें होती है, एक आकडा के अनुसार हर 45 सेकंड एक बच्चे की मौत हो जाती है। इतना कुछ हो जाने के बाद भी लोग मच्छरों को ले कर जागरूप नहीं है जिसका नतीजा हर साल लाखों लोगों को अपनी जान गवानी पड़ती है। आज मैं आप को मच्छरों से सम्बंधित कुछ रोचक तथ्य  बताने वाला हूँ , आप से अनुरोध है कि इस article को आप अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें, क्योंकि काफी मेहनत के बाद मै ये सब लिख पता हूँ ताकि दुनिया के अधिक से अधिक लोगों को बता सकूँ । (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); कृपया रुकें, ऐसे article  को बिना पढ़ें ना जाएं। जी मै आप से ही बोल रहा
ऑस्ट्रेलिया से कनाडा और इंडोनेशिया से यूनाइटेड किंगडम तक, इन 10 देशों में भी धूमधाम से मनाई जाती है दिवाली का प्रकाश महापर्व

ऑस्ट्रेलिया से कनाडा और इंडोनेशिया से यूनाइटेड किंगडम तक, इन 10 देशों में भी धूमधाम से मनाई जाती है दिवाली का प्रकाश महापर्व

दिवाली जो की एक प्रकाश का पर्व है, एक ऐसी प्रकाश की कल्पना की जाती है जिसमे दुनियां में लोगों के अंदर जो अंधकार फैला है उससे बाहर निकाल कर प्रकाश की ओर जाने की कामना की जाती है। इस दिवाली के माध्यम से दुनियाँ के हर इंसान के जीवन में खुशियां आए इस बात की कामना की जाती है।   क्या आप जानते हैं दीपावली का महापर्व सिर्फ भारत तक सीमित नहीं है. इसकी रोशनी की चमक सात समंदर पार कई देशों तक फैली हुई हैं. दिवाली का त्योहार भारत के अलावा कई देशों में धूमधाम से मनाया जाता है । दिवाली के बारे में मै आप को एक खास बात बताता हूँ, जो बहुत ही कम लोगों को पता होगा । आज के बदलते समय के अनुसार दिवाली का पर्व भारत के अलावा अब दुनियाँ भर के लगभग 200 से अधिक देशों में मनाया जाता है जिसमे से कुछ ऐसे देश है जहां इसे के विशेष रूप से मनाया जाता है। माननीय नरेंद्र मोदी जी ने इन 8 सालों मे
एक ऐसा पेड़ जिसपर 40 तरह के फल  एक साथ लगते है – Tree of 40 Fruit

एक ऐसा पेड़ जिसपर 40 तरह के फल एक साथ लगते है – Tree of 40 Fruit

दुनिया, मुख्य
क्या आप ने दुनियाँ के ऐसे पेड़ का नाम सुन है जिसपर एक साथ 40 तरह के फल लगते है? अब आप सोच रहें होंगे की ये बकवाश है, जी नहीं, आप गलत सोच रहें है,  तो मै बात दूँ की ये बिल्कुल सही बात है, अमेरीका में एक ऐसा पेड़ है जिसका नाम  नाम ‘ट्री ऑफ 40’ (Tree of 40 Fruit) है जिसपर एक साथ  40 अलग-अलग तरह के फल उगते हैं. ये सब कमाल वैज्ञानिकों की है जिन्होंने Tree of 40 Fruit का अविष्कार कर कृषि जगत को हैरान कर दिया है और साथ ही यह इस आधुनिक युग के लिए एक बेहतरीन नमूना पेश किया है, जिसका जितना सराहना किया जाए उतना कम है। बढ़ते जनसंख्या और घटाई भूमि के लिए यह एक बर्दान भी साबित हो सकता है, वैसे देखा जाए तो कृषि क्षेत्र (Agriculture Sector) में जो भी बदलाव या रहे है और जो New Technologies विकसित हो रही है उससे सायद कृषि जगत में बहुत बडा बदलाव देखने को मिल सकते है ।
अल्लाउद्दीन खिलजी पद्मावती का प्रेमी नहीं, कायर सुल्तान था

अल्लाउद्दीन खिलजी पद्मावती का प्रेमी नहीं, कायर सुल्तान था

दुनिया, मुख्य
राजपूत सिर्फ एक जाति नहीं है,वह एक परंपरा है, जिसे भारतवर्ष में लोगों की रक्षा के लिए बनाया गया. दस सूर्यवंशीय , दस चंद्रवंशीय क्षत्रिय, बारह ऋषिवंशी एवं चार अग्निवंशीय,कुल मिलाकर 32 वंशों के प्रमाण से राजपूतों का अस्तित्व सिद्ध होता है. बाद में यह बासठ वंश तक पहुँच गया. राजा राम सूर्यवंशी थे, यह क्षत्रिय वंश के लिए गौरव की बात है. भारत में चाहे फिल्म हो या टीवी हर जगह राजपूतों को इस रूप में प्रस्तुत किया जाता है मानो सांमतवाद और क्रूरता को जन्म देने में केवल इन्हीं का हाथ रहा हो .राजपूत परिवारों को शोषण का गढ़ दिखाया जाता है. लोगों में राजपूतों की छवि क्रूर शासक के रूप में बना दी गई है. इसी से आगे बढ़ते हुए अब राजपूतों के निजी जीवन पर भी पटकथाएँ लिखी जा रही हैं. राम, कर्ण, अर्जुन , अभिमन्यु जैसे राजपूत योद्धाओं पर काफी कुछ लिखा- पढ़ा और पर्दे पर उतारा गया है, लेकिन ऐतिहासिक संदर्भों को तो
रोहिंग्या मुसलमान: आखिर कौन है रोहिंग्या मुसलमान, क्या ये शरणार्थी है या अवैध प्रवासी ? क्या है चर्चा का बिषय?

रोहिंग्या मुसलमान: आखिर कौन है रोहिंग्या मुसलमान, क्या ये शरणार्थी है या अवैध प्रवासी ? क्या है चर्चा का बिषय?

दुनिया
रोहिंग्या मुस्लिम (Rohingya Muslim) प्रमुख रूप से बर्मा (म्यांमार) के अराकान (जिसे राखिन (Rakhine) के नाम से भी जाना जाता है) प्रांत में बसने वाले अल्पसंख्यक मुस्लिम लोग हैं ये सुन्नी इस्लाम (Sunni Islam) को मानते है, रोहिंग्या भाषा बोलते है प्रतिबन्ध होने की बजह से ये कम पढ़े लिखे है शिर्फ़ बुलियादी इस्लामी तालीम ही हाशिल कर पाते है  । जिनकी संख्या  बर्मा (म्यांमार) में 10 लाख के आश पाश है | ये म्यांमार में सदियों से रहते आये है | लेकिन इनको बर्मा के लोग और वहां की सरकार अभी भी अपनी नागरिक नहीं मानती | ये अब देश बिहीन हो गए, पहले भी इनके पाश अपना कुछ नहीं था | जिस देश को सन 1400 के आसपास ये लोग अपना मान कर बस गए थे आज वही देश इन्हें अपना मानने से इंकार कर रहा है | ये 1430 में रहाइन पर राज करने वाले बौद्ध राजा नारामीखला के दरबार में नौकर थे | राजा ने मुस्लिम सलाहकारों और दरबारियो
चीनी मीडिया ने भारतीय एनएसए डोभाल को बताया डोकलाम में टकराव का ‘मुख्य साजिशकर्ता’

चीनी मीडिया ने भारतीय एनएसए डोभाल को बताया डोकलाम में टकराव का ‘मुख्य साजिशकर्ता’

दुनिया, मुख्य
डोकलाम विवाद का हल निकलने की उम्मीदों और अजीत डोभाल के चीन दौरे से ऐन पहले पड़ोसी मुल्क की मीडिया ने भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार को निशाने पर लिया है। चीन सरकार के मुखपत्र माने जाने वाले अखबार ग्लोबल टाइम्स ने अपने संपादकीय लेख में डोभाल को डोकलाम में तनाव का \'मुख्य साजिशकर्ता\' करार दिया है। इस लेख में ब्रिक्स की मीटिंग में भारतीय और चीनी एनएसए की बैठक में सुलह का रास्ता निकलने की अटकलों को भी खारिज किया गया है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); बता दें कि एक दिन पहले ही सोमवार को चीन ने संकेत दिए थे कि ब्रिक्स बैठक के अलावा डोभाल और चीनी समकक्ष अलग से मीटिंग कर सकते हैं। चीनी विदेश मंत्रालय में प्रवक्ता ने कहा था, 'जहां तक हमारी जानकारी है, पिछली बैठकों में मेजबान देश प्रतिनिधिमंडलों के प्रमुखों की द्विपक्षीय बातचीत के लिए इंतजाम करता रहा है, जिसमे
डोकलाम: चीनी सेना की भारत को धमकी, पीछे हटो वरना बढ़ा देंगे सैनिकों की संख्या

डोकलाम: चीनी सेना की भारत को धमकी, पीछे हटो वरना बढ़ा देंगे सैनिकों की संख्या

दुनिया, देश
  डोकलाम पर जारी तनातनी को लेकर अब तक चीन अपने सरकारी मीडिया के जरिए युद्ध की धमकी देता आ रहा था, लेकिन अब सीधे चीन की सेना भारत को युद्ध की चेतावनी दे रही है। चीन की सेना की ओर से सोमवार को चेतावनी भरे लहजे में कहा गया कि पहाड़ को हिलाना को मुमकिन है, लेकिन चीन की सेना को नहीं, इसलिए भारत डोकलाम से अपने कदम पीछे खींच ले। सेना के प्रवक्ता ने कहा कि भारत पीछे नहीं हटा तो चीन डोकलाम में अपने सैनिकों की संख्या बढ़ा देगा। चीनी सेना के प्रवक्ता वू चिऐन ने भारत को धमकी देते हुए कहा, ' चीनी सेना का 90 साल का इतिहास हमारी क्षमता को साबित करता है। पहाड़ को हिलाना तो मुमकिन है, पर चीन की सेना को नहीं।' उन्होंने आगे कहा, 'भारत किसी भ्रम में न रहे। हम हर कीमत पर अपनी संप्रभुता की रक्षा करेंगे।' डोकलाम में पूरा विवाद सड़क निर्माण को लेकर शुरू हुआ था। इसका जिक्र करते हुए चिऐन ने कहा, जून के मध
स्‍टीफन हॉकिंग की चेतावनी- Alien (एलियन) के सिग्‍नल को जवाब ना दें, दुनिया के लिए होगा खतरनाक

स्‍टीफन हॉकिंग की चेतावनी- Alien (एलियन) के सिग्‍नल को जवाब ना दें, दुनिया के लिए होगा खतरनाक

टेक्नोलॉजी, दुनिया, मुख्य
प्रसिद्ध ब्रिटिश भौतिक विज्ञानी ( Physicist ) Stephen Hawking (स्टीफन हॉकिंग) ने चेतावनी दी है कि दुनिया को एलियन सभ्यता से दूर रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि वे हमसे ताकतवर होेंगे और वे हमें बै‍क्‍टरीया से ज्‍यादा कुछ नहीं समझेंगे। उन्होंने आगाह करते हुए कहा कि हमें किसी भी एलियन सभ्यता खासकर वैसी सभ्यता जो तकनीकी रूप से इंसानों से अधिक उन्नत हो, उनसे बचना होगा। हॉकिंग ने एक नई ऑनलाइन फिल्म में कहा कि किसी भी अधिक उन्नत सभ्यता से हमारे संपर्क की स्थिति में कुछ वैसा ही हो सकता है जब मूल अमेरिकियों ने पहली बार क्रिस्टोफर कोलंबस को देखा और चीजें बहुत अच्छी नहीं रही। हॉकिंग ने कहा, ”एक दिन हो सकता है हमें ग्लिज सी 832 जैसे ग्रह से सिग्‍नल मिल जाए। लेकिन हमें जवाब देने से बचना चाहिए। वे ज्‍यादा ताकतवर होंगे और हमें बै‍क्‍टरीया से ज्‍यादा कुछ नहीं समझेंगे। आपको बता दें कि पहली बार नहीं है जब