Tuesday, March 19Welcome to hindipatrika.in

धर्म-दर्शन

तुलसीदास की रामचरित मानस में ढोल, गंवार, शूद्र, पशु और नारी का क्या है सही अर्थ ?

तुलसीदास की रामचरित मानस में ढोल, गंवार, शूद्र, पशु और नारी का क्या है सही अर्थ ?


Warning: printf(): Too few arguments in /home/u888006535/domains/hindipatrika.in/public_html/wp-content/themes/viral/inc/template-tags.php on line 113
प्रभु ( भगवान ) भल कीन्ह मोहि (मुझे) सिख (शिक्षा)दीन्हीं (दी)। मरजादा (मर्यादा) पुनि तुम्हरी कीन्हीं (आपकी ही बनाई हुई है) ॥ ढोल गंवार सूद्र पसु नारी। सकल (चेहरा ) ताड़ना (ध्यान देने ) के अधिकारी॥ तुलसी दास जी ने इसे अवधी भाषा में लिखा था इस दोहा का हिन्दी बर्जन आ चुका है जो इस प्रकार है प्रभु ( भगवान ) भल कीन्ह मोहि(मुझे) सिख (शिक्षा)दीन्हीं (दी)। मरजादा (मर्यादा) पुनि तुम्हरी कीन्हीं (आपकी ही बनाई हुई है) ॥ ढोल गंवार सूद्र पसु नारी। चेहरा ध्यान देने के अधिकारी॥ अर्थात ढोल = प्रभु ने अच्छा किया जो मुझे सिख (शिक्षा) दी , किंतु मर्यादा (जीवों का स्वभाव) भी आपकी ही बनाई हुई है। जैसे ढोल एक निर्जीव है उसका ख्याल नहीं रखेंगे तो खराब हो सकता है ढोल का सकल (चेहरा ) ताड़ना (ध्यान देने ) चाहिए मतलब ख्याल रखना चाहिए वरना खराब हो सकते है ढोल के लिए सिख (शिक्षा) जरूरत हो
Akshara Singh का नया छठ गाना हुआ वायरल – ‘बड़ा भाग पवले बाड़े’

Akshara Singh का नया छठ गाना हुआ वायरल – ‘बड़ा भाग पवले बाड़े’


Warning: printf(): Too few arguments in /home/u888006535/domains/hindipatrika.in/public_html/wp-content/themes/viral/inc/template-tags.php on line 113
भोजपुरी सुपरस्टार अक्षरा सिंह का नया गाना "बड़ा भाग पवले बाड़े" हुआ वायरल, इस गाने के रिलीज के 1 दिन बाद से ही इंटरनेट पर खूब सुर्खिया बटोर रहा है, इस गाने को फैंस खूब पसंद कर रहे है। आप को बात दें की ये गाना 7 नवंबर को रिलीज हुआ इसके बाद मात्र 1 दिन में वायरल हो गया, इस गाने को लोक आस्था के महापर्व छठ को ले कर गाया गया है, गाने में अक्षरा सिंह इतने भावुक हो कर फिल्माया है जिसे लोग खूब पसंद कर रहे है। var aax_size='300x250'; var aax_pubname = '98998190810c-21'; var aax_src='302'; महापर्व छठ की झलक देख एमोशनल हुए फैंस इस गाने में भोजपुरी सुपरस्टार अक्षरा सिंह ने एक सूप बनाने वाली “डोम” जाती की किरदार में नजर आई हैं, गाने में छठ में उपयोग कीये जाने वाले सूप बेचते हुए एक घर जाती हैं लेकिन वहाँ उन्हें “डोम” जाती के चलते एक औरत उसे बुरी तरह से दुत्कार
Bhai Dooj, Puja Vidhi, Mantra in Hindi: जानिए पूजा की पारंपरिक विधि – विधि से करें भाई दूज के दिन तिल

Bhai Dooj, Puja Vidhi, Mantra in Hindi: जानिए पूजा की पारंपरिक विधि – विधि से करें भाई दूज के दिन तिल


Warning: printf(): Too few arguments in /home/u888006535/domains/hindipatrika.in/public_html/wp-content/themes/viral/inc/template-tags.php on line 113
ये पर्व भाई-बहनों को समर्पित है, इस पर्व को कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है, हिंदू धर्म में इस तिथि का विशेष महत्व है, इस पर्व को यम द्वितीया भी कहते हैं। यह परंपरा भारतीय परिवारों के एकता यहां के नैतिक मूल्यों पर टिकी होती है जो हमारे समाज के नैतिक मूल्यों और उसके पवित्रता को दर्शाती है। इस परंपरा के माध्यम से हमें भाई-बहन के आत्मीय रिश्ते को दर्शाता है जो एक भारतीय की अटूट रिस्तों को एक धागे में पिरोता है। आप ने रक्षा बंधन के बारे में तो सुना ही होगा जिसमे बहन अपने भाई को राखी बांधती है और भाई के लिए लम्बे आयु की कामना करती है। रक्षा बंधन जो एक भाई और बहन के प्यार का अटूट रिस्ता परंपरा है लेकिन क्या आप ने कभी भाई दूज के बारे में जानने की कोसिस की है ? मै इस Article में भाई दूज की परंपरा और उसके पीछे के वे सभी बातों की चर्चा करने वाला हूँ। आप इस जा
ऑस्ट्रेलिया से कनाडा और इंडोनेशिया से यूनाइटेड किंगडम तक, इन 10 देशों में भी धूमधाम से मनाई जाती है दिवाली का प्रकाश महापर्व

ऑस्ट्रेलिया से कनाडा और इंडोनेशिया से यूनाइटेड किंगडम तक, इन 10 देशों में भी धूमधाम से मनाई जाती है दिवाली का प्रकाश महापर्व


Warning: printf(): Too few arguments in /home/u888006535/domains/hindipatrika.in/public_html/wp-content/themes/viral/inc/template-tags.php on line 113
दिवाली जो की एक प्रकाश का पर्व है, एक ऐसी प्रकाश की कल्पना की जाती है जिसमे दुनियां में लोगों के अंदर जो अंधकार फैला है उससे बाहर निकाल कर प्रकाश की ओर जाने की कामना की जाती है। इस दिवाली के माध्यम से दुनियाँ के हर इंसान के जीवन में खुशियां आए इस बात की कामना की जाती है।   क्या आप जानते हैं दीपावली का महापर्व सिर्फ भारत तक सीमित नहीं है. इसकी रोशनी की चमक सात समंदर पार कई देशों तक फैली हुई हैं. दिवाली का त्योहार भारत के अलावा कई देशों में धूमधाम से मनाया जाता है । दिवाली के बारे में मै आप को एक खास बात बताता हूँ, जो बहुत ही कम लोगों को पता होगा । आज के बदलते समय के अनुसार दिवाली का पर्व भारत के अलावा अब दुनियाँ भर के लगभग 200 से अधिक देशों में मनाया जाता है जिसमे से कुछ ऐसे देश है जहां इसे के विशेष रूप से मनाया जाता है। माननीय नरेंद्र मोदी जी ने इन 8 सालों मे
दिवाली के दिन माँ  देवी लक्ष्मी की पूजा क्यों की जाती है ?

दिवाली के दिन माँ देवी लक्ष्मी की पूजा क्यों की जाती है ?


Warning: printf(): Too few arguments in /home/u888006535/domains/hindipatrika.in/public_html/wp-content/themes/viral/inc/template-tags.php on line 113
मुझे पता है काफी लोगों के ये सोचते है की जब प्रभु श्रीराम जी के अयोध्या आने के खुशी में दिवाली मनाई जाती है तो फिर देवी लक्ष्मी जी की पूजा क्यों की जाती है ? इसके पीछे भी एक पौराणिक मान्यता है। चलिए हम इसे भी जानते है। दूसरी पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भागवत की मना जाए तो उसमे लिखा है की समुन्द्र मंथन के दौरान कार्तिक महीने की अमावस्या पर देवी लक्ष्मी प्रगत हुई थी और इसी मान्यता से सम्बंधित वाल्मीकि रामायण मे लिखा गया है की इस दिन देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु का जा के ही दिन विवाह हुआ था, इसलिए इस दिन सबके घरों में लक्ष्मी और विष्णु की पूजा की जाती है । माँ लक्ष्मी धन की देवी है और धन से सुख - समृद्धि आती है इस लिए मत लक्ष्मी की पूजा की जाती है ताकि की कृपा से लोगों के जीवन मे खुशहाली क्योंकी माँ लक्ष्मी हमेसा अपने भक्तों पर कृपया परसती रहती है ।

मंगलसूत्र क्‍यों पहनते हैं? जानें इसका विज्ञान | Mangalsutra in Indian Marriages | ईशा योग केन्द्र प्रवास | गहरी आध्यात्मिक अनुभव | Jaggi Vasudev | Shiva


Warning: printf(): Too few arguments in /home/u888006535/domains/hindipatrika.in/public_html/wp-content/themes/viral/inc/template-tags.php on line 113
माइनस 20 ड‍िग्री में साधु बदरीनाथ में लगाते हैं  ध्यान, जहाँ अआप लोगो का हिम्मत भी नहीं करता खुले में घूमने की

माइनस 20 ड‍िग्री में साधु बदरीनाथ में लगाते हैं ध्यान, जहाँ अआप लोगो का हिम्मत भी नहीं करता खुले में घूमने की


Warning: printf(): Too few arguments in /home/u888006535/domains/hindipatrika.in/public_html/wp-content/themes/viral/inc/template-tags.php on line 113
हिंदुओं के आस्था का प्रतिका भगवान बद्रीनाथ धाम (Lord  Badrinath or Badrinarayan)  भले ही कपाट बंद हो चुके हैं लेकिन इस भगवन बदरीनाथ धाम में जहाँ माइनस 20 डिग्री पर पहुंच ठिठुरने वाली कड़क ठंडी में भी अनेक साधु - संत आज भी भगवान् की भक्ति में लीन हैं । इन्हे देख लगता है की इनके सामने कड़क ठंडी ने भी घुटने तक दिया है लगता है की इनके शरीर वज्रदेह बन चूका है । पूरा उच्च हिमालयी सर्दियों Himalayan Winter  में बदरीनाथ धाम सहित यह क्षेत्र 4 से 6 फीट बर्फ से ढक जाता है फिर भी साधक की साधना भंग करने की तगत इस कड़ाके की ठण्ड में भी नहीं है । साधु जो माया के बंधन को तोड़ भगवान् के द्वार तक पहुंचे हैं । ये अपने ही साधना में लीन रहते है न तो उन्हें ठंडे पानी Cold water से कोई फर्क पड़ रहा है और न ही बर्फबारी Snowfall से । इस जगह पर भगवान् बदरीनाथ धाम  Bhagwan Badrinath Dham में कपाट बंद होने क
हकीकत-अजय अमिताभ सुमन

हकीकत-अजय अमिताभ सुमन


Warning: printf(): Too few arguments in /home/u888006535/domains/hindipatrika.in/public_html/wp-content/themes/viral/inc/template-tags.php on line 113
PC:Pixabay रोज उठकर सबेरे नोट की तलाश में , चलना पड़ता है मीलों पेट की खुराक में.  सच का दामन पकड़ के घर से निकालता है जो, झूठ की परिभाषाओं से गश खा जाता है वो.  बन गयी बाज़ार दुनिया,बिक रहा सामान है, दिख रहा जो जितना ऊँचा उतना बेईमान है.  औरों की बातें है झूठी औरों की बातो में खोट, मिलने पे सड़क पे ना छोड़े पाँच का भी एक नोट.  तो डोलते नियत जगत में डोलता ईमान है, और भी डुलाने को मिल रहे सामान है.  औरतें बन ठन चली बाजार सजाए हुए , जिस्म पे पोशाक तंग है आग दहकाए हुए.  तो तन बदन में आग लेके चल रहा है आदमी, ख्वाहिशों की राख़ में भी जल रहा है आदमी.  खुद की आदतों से अक्सर सच हीं में लाचार है, आदमी का आदमी होना बड़ा दुश्वार है.  अजय अमिताभ सुमन सर्वाधिकार सुरक्षित