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असंभव कुछ नहीं

असंभव कुछ नहीं

कहानी, जीवन वृत्त, मुख्य, व्यक्ति चित्र
हमारा जीवन बहुत कठिन है या में कुछ नहीं कर सकता ये शब्द आपने अकसर अपने आस पास के लोगो से सुना होगा और जब हमारे जीवन में एकसाथ बहुत सी मुश्किल हो तब, हम मुश्किलों का सामना करने की वजह उससे कही दूर भागने की सोचते हैं पर वास्तव में क्या ऐसा हो पाता है नहीं बल्कि हम उसकी चिंता में अपना आत्मविश्वास भी खो बैठते है और बिना कुछ किये ही हार मान लेते हैं जबकि वास्तव में हमने उसके लिए कोई प्रयास ही किया ही नहीं होता | आपको एक कहानी सुनाता हु ये कहानी है एक ऐसी लड़की की जो उत्तर प्रदेश के आंबेडकर नगर की निवासी है और अपने दिल में अपने सपनो को जिन्दा रखकर उन्हें पूरा करने की कोशिश कर रही थी दोस्तों यह बात उन दिनों की है जब यह लखनऊ से दिल्ली ट्रैन से आ रही थी तब ट्रैन में मौका पाकर बरेली के पास बदमाशों ने इनसे लूटपाट करने की कोशिश की तब इन्होने उसका विरोध किया तो उन बदमाशों ने इन्हे ट्रैन से बाहर
बच्चों का नाम रखते वक्त् न करें ये बड़ी गलतियां .. बच्चों के नाम से जुड़ा होता है भविष्य

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ज़रा हटके, जीवन वृत्त, व्यक्ति चित्र
  दुनिया में सायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जिसका कोई नाम नहीं हो । लोग कहते है की व्यक्ति के जीवन में नाम उतना महत्वपूर्ण नहीं होता जितना की कर्म, क्यों की अच्छे कर्म से ही व्यक्ति खुद और अपने कुल का नाम रोशन करता है । व्यक्ति के जीवन में नामकरण संस्कार महत्वपूर्ण संस्कारों में से एक है, व्यक्ति के कर्मो की वास्तविक पहचान उसका नाम ही दिलाता है। कुछ अक्षरों का समूह जिससे व्यक्ति को  जीवनभर उसकी एक पहचान बन जाता है। इस लिए हर एक माता पिता को अपने शिशु के नामकरण के दौरान कुछ बाते खासतौर पर ध्यान में रखनी चाहिए।   1. बुजुर्गों व स्वर्गीय परिजनों के नाम हमारे समाज में अक्सर लोग ऐसा नाम रखते है जो सुनने में अच्छा लगता है लेकिन कुछ ऐसे भी नाम मिले है जिसका अर्थ कुछ अजब  - गजब सा होता है या अर्थविहीन होता है। नाम रखते समय माता-पिता और परिवार को ध्यान रखना चाहिए की नाम
स्वामी विवेकानंद ने किताब कुछ ऐसे पढ़ी। This is how Swami Vivekananda read the book | ईशा योग केन्द्र प्रवास | गहरी  आध्यात्मिक अनुभव  | Jaggi Vasudev | Shiva

स्वामी विवेकानंद ने किताब कुछ ऐसे पढ़ी। This is how Swami Vivekananda read the book | ईशा योग केन्द्र प्रवास | गहरी आध्यात्मिक अनुभव | Jaggi Vasudev | Shiva

अध्यात्म, व्यक्ति चित्र
स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) , नाम सुनते ही एक आध्यात्म की ऊर्जा दौड़ने लगती है। वैसे भी स्वामी जी वेदान्त के विख्यात और प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु थे। उनका वास्तविक नाम नरेन्द्र नाथ दत्त था। अध्य्तम के तरफ युवाओं का झुकाव हमेसा के कम रहा है लेकिन स्वामी विवेकानंद जी ने अपने युवा काल से ही आध्यात्म बहुत अच्छी ज्ञान थी । साथ ही साथ वे अंधविस्वाश के घोर विरोधी भी थे । एक आध्यात्म गुरु होते हुए भी वे युवाओं का रोल मॉडल है जिसके चलते उनके जन्मदिन को युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। उनकी एक और बात जी बहुत ही दिलस्चब है जब वे अमेरिका स्थित शिकागो में अपने भाषण की सुरुवात "मेरे अमरीकी भाइयो एवं बहनो" किया था जिसके बाद पुरे अमेरिका के लोग चौक गए और तालियों की दड़गड़ाहट से पूरा हाल भर गया जिसके बाद वे सबका दिल जीत लिया था। उस समय अमेरिका में आयोजित विश्व धर्म महासभा में भारत की ओर से सना
जय हो ,जय हो नितीश तुम्हारी जय हो-अजय अमिताभ सुमन

जय हो ,जय हो नितीश तुम्हारी जय हो-अजय अमिताभ सुमन

कविता, मुख्य, व्यक्ति चित्र, हिन्दी साहित्य
PC:Google Image जय हो,जय हो, नितीश तुम्हारी जय हो। जय हो एक नवल बिहार की, सुनियोजित विचार की, और सशक्त सरकार की, कि तेरा भाग्य उदय हो, तेरी जय हो। जाति पाँति पोषण के साधन कहाँ होते? धर्मं आदि से पेट नहीं भरा करते। जाति पाँति की बात करेंगे जो, मुँह की खायेंगें। काम करेंगे वही यहाँ, टिक पाएंगे। स्वक्षता और विकास, संकल्प सही तुम्हारा है। शिक्षा और सुशासन चहुँ ओर, तुम्हारा नारा है। हर गाँव नगर घर और डगर डगर, हर रात दिन वर्ष और हर पहर। नितीश तुम्हारा यही सही है एक विचार, हो उर्जा का समुचित सुनियोजित संचार। रात घनेरी बीती, सबेरा आया है, जन-गण मन में व्याप्त, नितीश का साया है। गौतमबुद्ध की धरा, इस पावन संसार में, लौट आया सम्मान, शब्द बिहार में। हर गली गली में जोश, उल्लास अब आया है, मदमस्त बाहुबली थे जो, मलीन अब काया ह