दुनिया में कोरोना वायरस( Coronavirus – Covid -19) के वैक्सीन बनाने के बहुत सारे दावा आप ने सुना होगा एक ऐसे ही दावा ब्रिटेन के Oxford University के प्रोफेसर सारा गिलबर्ट ने किया है ये Oxford University के वैक्सीनोलॉजी डिपार्टमेंट की प्रोफेसर है जिन्होंने कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने का दावा किया है, इन्होंने सितंबर तक वैक्सीन आने की दावा किया है|
कोरोना वायरस एक ऐसा नाम जिससे आज दुनिया का हर व्यक्ति परिचित है जो एक महामारी बन चुकी है, इस बीमारी ने दुनिया के लगभग 22 लाख से भी ज्यादा लोगों को संक्रमित कर दिया है, जबकी 1.5 लाख लोग से अधिक लोगों को मौत की नींद सुला चुका है, इस बीमारी ने सबको हैरत में डाल रखा है | कोरोना वायरस के इलाज खोजने के लिए पूरी दुनिया में शोध हो रही है | इस बीमारी से सबसे अधिक प्रभावित देश, अमेरीका (United States), Spain, Italy, Germany, France, United Kingdom, China, Iran, Turkey, Netherlands, Switzerland, Portugal, Austria, India, Ireland, Peru, Sweden जैसे तमाम देश इस महामारी से प्रभावित है, इस बीमारी के इलाज के उपचार लिए पूरी दुनिया के वैज्ञानिक शोध में लगे यही |
इसी शोध मे ब्रिटेन के Oxford University के प्रोफेसर की प्रोफेसर सारा गिल्बर्ट ने coronavirus वैक्सीन बनाने का दावा किया है | ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय दुनिया के टॉप विश्वविद्यालय में से एक है जिसमे शोध और रिसर्च के अलग से डिपार्ट्मन्ट है| एक पत्रकार से बात करते हुए उन्होंने बात कही और सितंबर तक इसकी वैक्सीन आ जाने का दावा की है |
उन्होंने कहा कि ChAdOx1 तकनीक के साथ बहुत सारे परीक्षण किए जा चुके हैं जिसके में कहाँ की एक डोज से ही इम्यून को लेकर बेहतर परिणाम मिले हैं, प्रोफेसर ने बताया की इसका क्लीनिकल ट्रायल शुरू हो चुकी है जिसे ले कर सफलता का विश्वास व्यक्त किया और बोले की हमें उम्मीद है की इसी साल सितंबर तक इसकी एक मिलियन डोज उपलब्ध हो जाएगी |
प्रोफेसर एड्रियन हिल ने बताया की ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय की टीम इस वैक्सीन बनाने को ले कर पूरी आत्मविश्वास से इतनी भरी है यही नहीं क्लीनिकल ट्रायल पूरा होने से पहले ही इस वैक्सीन मैन्युफैक्चरिंग तक शुरू कर दी है, उन्होंने कहाँ की क्लीनिकल ट्रायल सितंबर मे पूरा होने है लेकिन हम और इंतिजर नहीं करना चाहते, क्योंकी पूरी टीम पूरे आत्मविश्वास में है इस लिए इस वैक्सीन की मैन्युफैक्चरिंग बड़े पैमाने पर दुनिया 7 मैन्युफैक्चरर्स (तीन ब्रिटेन, दो यूरोप, एक चीन और एक भारत) के साथ मिल कर मैन्युफैक्चरिंग शुरू की है |