स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) , नाम सुनते ही एक आध्यात्म की ऊर्जा दौड़ने लगती है। वैसे भी स्वामी जी वेदान्त के विख्यात और प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु थे। उनका वास्तविक नाम नरेन्द्र नाथ दत्त था।
अध्य्तम के तरफ युवाओं का झुकाव हमेसा के कम रहा है लेकिन स्वामी विवेकानंद जी ने अपने युवा काल से ही आध्यात्म बहुत अच्छी ज्ञान थी । साथ ही साथ वे अंधविस्वाश के घोर विरोधी भी थे ।
एक आध्यात्म गुरु होते हुए भी वे युवाओं का रोल मॉडल है जिसके चलते उनके जन्मदिन को युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है।
उनकी एक और बात जी बहुत ही दिलस्चब है जब वे अमेरिका स्थित शिकागो में अपने भाषण की सुरुवात “मेरे अमरीकी भाइयो एवं बहनो” किया था जिसके बाद पुरे अमेरिका के लोग चौक गए और तालियों की दड़गड़ाहट से पूरा हाल भर गया जिसके बाद वे सबका दिल जीत लिया था।
उस समय अमेरिका में आयोजित विश्व धर्म महासभा में भारत की ओर से सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व किया था।
जिसके चलते अपने 29 साल से भी कम उम्र में ही वे परिपूर्ण वेदान्त दर्शन और आध्यात्मिकता को पुरे अमेरिका और यूरोप के हर एक देश में स्वामी विवेकानन्द का एक विचार पहुंच गया । जिससे पूरी दुनिया का भारत के प्रति नजरियां ही चेंज हो गया ।
इस वीडियो में सद्गुरु जी ने उनके जीवन के कुछ पहलू के बारे में भी बताया की वे स्वामी विवेकानंद जी ने किताब कैसे पढ़ी वे केवल 29 साल में इतनी सारे ज्ञान की भंडार और साथ ही साथ जिस तरह की समाज में नीव नए आयामों की नीव रही जी आज भी अपने आप ने अलग पहचान है ।
आप सद्गुरु जी के इस वीडियो को पूरा देखें , बहुत सुन्दर उन्होंने बताएं है ।