आम आदमी पार्टी पिछले 3 साल से केवल और केवल नरेन्द्र मोदी पर सीधे बयान देते रहे है , देश में बहुत से पार्टी है लेकिन अरविन्द केजरीवाल को केवल बीजेपी और नरेन्द्र मोदी में ही कमिया दिखाई देती रही है | नतीजा देश की जनता को ये बर्ताव सही नहीं लगा | पंजाब और गोवा में करारी हार के बाद आम आदमी पार्टी (आप) ने दिल्ली नगर निगम चुनाव में अपनी प्रचार रणनीति में बदलाव किया है। आम आदमी पार्टी आने वाले चुनाव में सीधे मोदी पर बयान नहीं देगी, बल्कि पॉजिटिव कैंपेनिंग पर फोकस करेगी। पिछले चुनाव के नतीजे से साफ हो गया है की देश का एक बड़ा तबका आज भी नरेन्द्र मोदी को सबसे अधिक पसंद करता है | पिछले चुनाओ के करारी हार के बाद अब आप नेताओं ने मोदी के बिरुद्ध नकारात्मक प्रचार अभियान से अब खुद को दूर कर लिया है।
आप को बता दें कि दिल्ली में 23 अप्रैल को एमसीडी चुनाव होने हैं। इससे पहले यहां राजौरी गार्डन सीट पर उप-चुनाव में AAP कैंडिडेट की जमानत भी जब्त हो गई। इस सीट से बीजेपी-अकाली कैंडिडेट मनजिंदर सिंह सिरसा को जीत मिली।
क्या है डर का कारण : क्यों नहीं देंगे मोदी के खिलाफ बयान?
– AAP लीडर ने कहा, “एमसीडी चुनावों में मोदी के खिलाफ बयानबाजी से बचने का एक और बड़ा कारण यूपी और उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में बीजेपी को मिली बड़ी जीत है।’
– आप नेताओ को डर “दिल्ली में यूपी और उत्तराखंड राज्यों के लोग अच्छी खासी तादाद में रहते है। ऐसे में आप नेताओ को डर है की एमसीडी चुनाव में मोदी के खिलाफ बयानबाजी का उल्टा असर भी पड़ सकता है।’