करोना महामारी तो सबने देखा कैसे इस महामारी ने लाखों लोगों को निगल गई और करोड़ों लोग बेघर हो कर सड़क पर या गए थे । 2020 और 2021 को भूल पान सायद ही किसी के लिए मुस्किल होगा। लेकिन अब जो खबर या रही है उससे सायद और चिंतायें बिकरल रूप ले सकती है क्योंकि कोरोना के COVID-19 XE Variant मिलने के कारण चिंताएं बढ़ गई हैं.
मै ये आर्टिकल इस लिए लिख रहा हूँ ताकि आप इस XE वैरिएंट के लक्षण और सावधानी दोनों को जान सके और साथ ही हम ये भी बात करेंगे की भारत में क्या नया XE वैरिएंट आएगा? आप को बात दें की कुछ एक्सपर्ट ने माना है की भारत में XE वैरिएंट महामारी की चौथी लहर भी या सकती है? इस बारे में हम इस आर्टिकल में जानेंगे. और इसके और बाकी पहलुओ को भी जनेगे ।
COVID-19 XE वैरिएंट:
भारत के लिए ये चिंता की बात है की कोरोना के नए वैरिएंट XE भारत के 2 प्रमुख राज्यों (मुंबई और गुजरात) में कई शख्स की रिपोर्ट नए वायरस के लिए पॉजिटिव आई है. आप को बता दें की नया वैरिएंट काफी संक्रामक है जो काफी तेजी के साथ फैलता है. महाराष्ट्र और गुजरात में XE वैरिएंट के केस मिलने के बाद ये अनुमान लगाया जा रहा है की भारत में चौथी लहर की चिंता का बदल मडरा रहा है.
आप को बता दें की स्वास्थ्य संगठन ने XE ओमिक्रॉन के 2 सब लीनेज BA.1 और BA.2 का रीकॉम्बिनेंट को वैरिएंट को कोरोना के BA.2 वैरिएंट की तुलना में 10% अधिक संक्रामक बताया है. लेकिन कुछ एक्सपर्ट का ये भी कहाँ है की XE वैरिएंट पहले से कम प्रभावी प्रतीत होता है ।
एक सवाल जो सभी जानना चाहते है, क्या XE वैरिएंट चौथी लहर का कारण बन सकता है? (Can the variant lead to the 4th wave) – हम नीच कुछ पहलुओ से समझने की कोसिस करते है।
सबसे पहले तो डॉक्टर इस बात को ले कर अधिक चिंतित है की आखिर कैसे लोग XE वैरिएंट से संक्रमित लोग अधिक गंभीर होंगे क्योंकि यदि लोग नहीं समझे तो हो सकता है दिक्कतों की सामना करना पड़ सकता है लेकिन डॉक्टरों ने एक खास बात बताई की इस वैरिएंट से मृत्यु दर में वृद्धि नहीं देखी जा रही है. इससे ये साबित होता है की पहले की तुलना में थोड़ा प्रभाव कम है।
यदि हम बात करें WHO की चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन की तो उनके मुताबिक, XE वैरिएंट डेल्टा वैरिएंट की तरह खतरनाक नहीं होगा. उन्होंने ये भी बात कई की अभी तक शुरुआती आंकड़ों अच्छे रहें है क्योंकि उन्होंने बताया की यह वैरिएंट 10% अधिक तेजी से फैलता है. लेकिन जैसा की भारत सरकार ने रिकार्ड तोड़ भारत में अधिकांश लोग वैक्सीनेटेड हो चुके हैं. इस लिए अभी तक संक्रमित मरीजों के गंभीर मामले सामने नहीं आए हैं ।
दुनियाँ के तमाम देशों में इसके ऊपर काफी रिसर्च चल रहा है और उन आकड़ों की माने तो ये काफी जल्दी खत्म हो गए. अलग – अलग देशों में इसके प्रभाव काम होने के चलते चिंता कम है इसका सबसे बड़ी बात ये है की अभी पर्याप्त एंटीबॉडी हैं. इसलिए लिए एक्सपर्ट ने ममाने से इनकार किया की अगली कोरोना रूपी महामारी की लहर आने की संभावना काफी कम है. जो ना के बराबर है ।
COVID-19 के XE वैरिएंट के लक्षण (Symptoms of the COVID XE variant)
ये तो सभी लोग मानते है की किसी वायरस से बचे रहने के लिए सबसे पहले संक्रामक के लक्षण जानना बेहद जरूरी है. इस लिए आगे मै XE वैरिएंट के लक्षण की चर्चा करने वाला हूँ जो आप सावधानी के साथ जाने और अपने और भी लोगों के पास इस सूचना को शेयर करें ।
भारत के बहुत से मेडिकल सलाहकार डॉ. की माने तो XE हाइब्रिड स्ट्रेन का जो नया सब-वैरिएंट XE, ओमिक्रॉन के सभी लक्षणों के ही समान है. और ये बहुत गंभीर भी नहीं है. लेकिन हमे इस बात को ध्यान रखना चाहिए की XE वैरिएंट लगभग 3 महीने से मौजूद है लेकिन ओमिक्रॉन की तरह पूरी दुनिया में नहीं फैला है. इससे यह पता चलता है की ये वैरिएंट ओमिक्रॉन के की तरह है लेकिन फिर भी हमे सावधान रहना पड़ेगा। क्योंकि आज इस लिए ये प्रभावी नहीं है की भारत सरकार ने केवल 1 साल में भारत के हर हॉस्पिटल में Oxygen (ऑक्सीजन) और तमाम मेडिकल सुबिधायों से भर दिया है जो पिछले की तुलना मे 1000 गुना ज्यादा अच्छी सुबिधा है इस लिए ये नया समझे की ये प्रभावी नहीं है बल्कि मार्केट में कई तरह के दावा और वैक्सीन मौजूद है।
यदि हम XE वैरिएंट के लक्षण की बात करें तो ये पहले से मौजूद वैरिएंट से थोड़ा अलग हैं. जो कुछ इस प्रकार है :-
– बुखार (Fever)
– थकान (Fatigue)
– शरीर में दर्द (Body pain)
– सुस्ती (Lethargy)
– सिरदर्द (Headache)
– हार्ट संबंधित समस्याएं (Heart issues)
– घबराहट (Palpitations)
जैसे कुछ विशेष लक्षण देखने को मिलते है जो पहले की तरह ही है लेकिन इनमे घबराहट, हार्ट संबंधित, थकान जैसे कुछ लक्षण अलग है जो बेहद चिंता जनक है।
कैसे बरते XE वैरिएंट के लिए सावधानियां? (How to Precautions for XE Variant)
जीवन ज्योति के हॉस्पिटल के पूर्व चाइल्ड एक्सपर्ट डॉ. सुभास चंद्रा की माने तो उनके मुताबिक, इस वैरिएंट से भी पहले की तरह ही सावधान रहने की जरूरत है. क्योंकि रिपोर्ट की माने तो पिछले 2 सालों से जिस तरह लोगों के द्वारा सावधानियां रखी जा रही हैं, ठीक वैसे ही इस वैरिएंट को भी हल्के में नहीं लेना चाहिए क्योंकि सावधानी ही सबसे बड़ा किसी भी बीमारी बचाव है. उन्होंने ये भी कहाँ की सरकारों ने मास्क को अनिवार्यता से हटा दिया हो, लेकिन लोगों को हमेसा सावधानियों के साथ रहना चाहिए, उन्होंने कहाँ की जो लोग अभी तक वैक्सीन नहीं लिए है उनको वैक्सीन ले लेनी चाहिए।