दिवाली जो की एक प्रकाश का पर्व है, एक ऐसी प्रकाश की कल्पना की जाती है जिसमे दुनियां में लोगों के अंदर जो अंधकार फैला है उससे बाहर निकाल कर प्रकाश की ओर जाने की कामना की जाती है।
इस दिवाली के माध्यम से दुनियाँ के हर इंसान के जीवन में खुशियां आए इस बात की कामना की जाती है।
क्या आप जानते हैं दीपावली का महापर्व सिर्फ भारत तक सीमित नहीं है. इसकी रोशनी की चमक सात समंदर पार कई देशों तक फैली हुई हैं. दिवाली का त्योहार भारत के अलावा कई देशों में धूमधाम से मनाया जाता है ।
दिवाली के बारे में मै आप को एक खास बात बताता हूँ, जो बहुत ही कम लोगों को पता होगा ।
आज के बदलते समय के अनुसार दिवाली का पर्व भारत के अलावा अब दुनियाँ भर के लगभग 200 से अधिक देशों में मनाया जाता है जिसमे से कुछ ऐसे देश है जहां इसे के विशेष रूप से मनाया जाता है।
माननीय नरेंद्र मोदी जी ने इन 8 सालों में जिस तरह से दुनियाँ की नजरिया भारत के प्रति बदला है, उसे देखते हुए अब हर देश भारत के सम्मान और संस्कृति के प्रति अपना आदर भाव के साथ – साथ उस भारत की संस्कृति को जीना चाहता है ।
दीपावली प्रकाश के साथ साथ स्नेह और खुशियों का त्योहार है जिसका मकसद दुनियाँ के हर इंसान को अंधकार से निकाल कर प्रकाश की ओर ले जाना है और लोगों को जीवन में खुसियों भरना है।
दिवाली के पीछे एक पौराणिक मान्यता भी है।
हिंदू धर्म की पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, आज के ही दिन भगवान श्रीराम राक्षस रावण को मार कर, रावण रूपी बुराई के ऊपर अच्छाई के जीत के बाद उसके चंगुल से माता सीता को छुड़ा कर, 14 साल का वनवास काटकर माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या वापस लौटे थे, प्रभु श्रीराम के अयोध्या लौटने के खुशी में उस वक्त अयोध्यावासियों ने पूरे नागरी को दीपों से सजाया था, इसी दिन घरों में माता लक्ष्मी की पूजा भी की जाती है ।
नेपाल
नेपाल जो एक हिन्दू राष्ट्र के नाम से भी जाना जाता है, नेपाल में दिवाली को “तिहाड़” के रूप में जाना जाता है जो बिल्कुल भारत जैसे ही दिवाली उत्सव मानते है. माता सीता नेपाल की रहने वाली थी। नेपाल और भारत से रोटी और बेटी का रिस्ता है, यहाँ बिल्कुल भारत की तरह ही मनाया जाता है । घरों को अच्छे से सजाना, दीप जालना और माँ देवी लक्ष्मी की पूजा करने की प्रथा भी होता है, दिवाली के दिन एक दूसरे को गिफ्ट देने की परंपरा भी नेपाल में है। दिवाली नेपाल का दूसरा सबसे बड़ा त्योहार है जिसे पूरे धूम धाम से मनाया जाता है।
श्रीलंका
श्रीलंका एक ऐसा देश जो पौराणिक काथा के अनुसार भगवान राम से जुड़ा हुआ है, जहां राक्षस रावण को मार के माता सीता को उसके चगुल से मुक्त कराया था। यहाँ भी एक बड़ी आबादी हिंदू है जिसके कारण यहाँ भी दिवाली बहुत धूमधाम से मनाई जाती है। आज भी रामायण से जुड़ी बहुत से जगह है जिसे वहाँ की सरकार से संरक्षित की हुई है जो ये साबित करती है की रामायण एक सच्ची घटना है।
फिजी
फिजी एक ऐसा देश है, जहां भारतीय आबादी बहुत ज्यादा रहती है, इस देश में भी काफी धूम – धाम से दिवाली का उत्सव मनाई जाती है. यही नहीं बल्कि इस देश में दिवाली की छुट्टी भी होती है यहाँ पर सभी स्कूल और कॉलेज और सरकारी दफ्तर भी बंद रहते हैं।
भारत के ही तरह इस देश में भी बड़े पैमाने पर लोग एक दूसरे को गिफ्ट भी देते हैं, दिवाली की जो विशेषता और पवित्रता है उसे देख हर देश इसे धूम धाम से मनाता है ।
इंडोनेशिया
इंडोनेशिया एक ऐसा देश जो कभी हिन्दू देश हुवा करता था, लेकिन आज भी वहाँ के लोग ये अच्छे से जानते है की उनके पूर्वज कभी हिन्दू ही थे। यहाँ पर इतनी बड़ी भारतीय आबादी नहीं है, फिर भी यहां दिवाली को एक बड़ा त्योहार है के रूप में मनाया जाता है, भारत में दिवाली पर किए जाने वाले लगभग सभी अनुष्ठानों का पालन इंडोनेशिया में भी किया जाता है।
मलेशिया
मलेशिया के बारे में तो आप जानते ही होंगे, एक मुस्लिम बहुलक देश है फिर भी यहाँ दिवाली धूम – धाम से मनाया जाता है, यहाँ दिवाली को हरी दिवाली कहा जाता है, लेकिन यहाँ की दिवाली एक विशेष तरीके से मनाया जाता है यहाँ दिन की शुरुआत लोग तेल से स्नान करते हैं उसके बाद लोग विभिन्न मंदिरों में पूजा करते हैं, भारत के तरह ही यहाँ पर उपहार, मिठाई और शुभकामनाएं एक दूसरे को देते है, केवल एक बात है तो यहाँ यहाँ पर लोग खुल कर नहीं कर ओ है पटाखे जो की मलेशिया में पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध है।
मॉरेशियस
मॉरीशस का नाम तो आप ने सुना ही होगा, एक ऐसा देश जहां भारत के बाद सबसे अधिक भोजपुरी बोली जाती है, यहाँ पर लगभग 50% की आबादी हिंदू है, यहाँ पर भी दिवाली बहुत धूम धाम से मनाई जाती है, यही नहीं यहाँ पर सार्वजनिक एक दिन का सरकारी अवकाश भी रहता है।
इस देश मे छठ की भी पूजा बहुत धूम धाम से मनाया जाता है, बिहार से निकला हुआ एक परंपरा जो पूरी दुनियाँ में अपनी अलग पहचान बना चुकी है उसमे से एक मॉरीशस भी है जहां भारत के बाद सबसे अधिक छठ पूजन भी की जाती है।
कनाडा
भारत के लोग पूरे दुनियाँ मे बसे है, जिसके चलते पूरे दुनियाँ में भारत की अपनी अलग पहचान बनी है। यदि बात कनाडा की करे तो यहाँ पर सबसे अधिक भारत के पंजाबि समाज के लोग रहते है, यहाँ पर रोजगार और उद्योग में भी पंजाब की काफी लोग है यही नहीं कनाडा के ऐसे बहुत सारे क्षेत्र है जिन्हें अनौपचारिक रूप से ‘मिनी पंजाब’ कहा जाता है, इसके अलवा कनाडाई “संसद” में पंजाबी तीसरी आधिकारिक भाषा है. इन सब के चलते कनाडा में काफी भारती रहते है, ऐसे कई कारण है जिसके चलते भारत के लोगों की बहुलता होने के कारण कनाडा में दिवाली धूमधाम से मनाई जाती है, कनाडा में भी इसे प्रकाश वर्ष के रूप में मनाया जाता है।
सिंगापुर
सिंगापुर एक ऐसा देश जो अपने उद्योग और खूबसूरती के लिए पूरी दुनियाँ में मशहूर है, यदि हम भव्यता दिवाली की बात करें तो भारत के बाद अगर कहीं और सबसे ज्यादा से दिवाली मनाई जाती है, तो वह सिंगापुर है, यहाँ की दिवाली काफी रंग विरंगी होती है, यहाँ पर हर जगह एक अलग ही लिटिल लाइट की सजावट होती है जो एक रंगोलि की तरह दिखती है।
यूनाइटेड किंगडम
दुनियाँ में जैसे जैसे भारत का बअर्चस्व बढ़ा है वैसे वैसे दिवाली का भी स्वरूप बढ़ा है, आप को बता दें की UP के कुछ ऐसे शहर जैसे बर्मिंघम और लीसेस्टर जहां पर सबसे अधिक भारतीय रहते है, UK में भी अब बड़े पैमाने पर दीवाली मनाई जाती है।
नरेंद्र मोदी की सरकार बनाने के बाद जिस तरह पूरे दुनियाँ में भारत की पहचान बढ़ी है इसके बाद पूरा दुनियाँ भारत के सम्मन में और अधिक अच्छे से दिवाली का उत्सव मनाते है।
ऑस्ट्रेलिया
ऑस्ट्रेलिया का नाम कौन नहीं जानता, ये देश अपने खूबसूरती के लिए भी जाना जाता है। ऑस्ट्रेलिया एक ऐसा देश है जिसका लगाव हमेस से भारत से रहा है, यहाँ काफी संख्या में भारतीय रहते है, भारतीयों की ईमानदारी, सद्भावना, नम्रता और कार्य की सराहना पूरी दुनियाँ में होती है, जिसके चलते यहाँ पर रहें वाले भारतीयों के साथ मिल कर ऑस्ट्रेलिया की काफी लोग दिवाली उत्सव को धूम धाम से मनाते है।