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Technical SEO क्या है, कैसे करें? |Complete and Simple Guide फॉर Beginners in Hindi | Technical SEO in Hindi

यदि आप समझना चाहते है की Technical SEO क्या है? और इसका कितना पोटेन्सियल है तो आइए समझते है की Technical SEO कैसे करें? कैसे आप अपने वेबसाइट पर फ्री टारगेटेड ट्राफिक ला सकते है ? और कैसे अपने वेबसाई के सर्च रिजल्ट को अच्छा कर सकते है ?

दोस्तों यदि आप को अपनी वेबसाइट गूगल में रैंक करवाने है तो गूगल का Algorithm के guideline को फॉलो करना होता है, जिसमे बहुत सारे सिग्नलस / स्टेप / सेट ऑफ रूल होते है,

मुझे पता है की आप में से बहुत से दोस्तों के मन मे सवाल उठ रहा होगा की Algorithm क्या है ?

तो मै बात दूँ की Algorithm का मतलब होता है “सेट ऑफ रूल”  एक ऐसे रूल जो स्टेप By स्टेप Procedure जो एक “Complete specific Task” को पूरा करने के लिए बना होता है,

अब फिर पहला (1st) सवाल उठता है की “Complete Specific Task” मतलब क्या, तो इसका मतलब है की “Search Engine” में वेबसाइट को रैंक करवाना, वेबसाइट को गूगल के टॉप सर्च में लाने के लिए कुछ Guideline होते है जिसके बाद वेबसाइट पर ट्राफिक फ्री में मिल सके, जिसके लिए कोई चार्ज नहीं देना पड़ें, ये तभी संभव है जब आप गूगल के Complete Specific Task” को फॉलो करते है |

Algorithm सिग्नलस / स्टेप / सेट ऑफ रूल

Algorithm में सिग्नलस / फ़ैक्टर्स / सेट ऑफ रूल कितने है? जिसे फॉलो कर के हम अपने वेबसाइट को गूगल में रैंक करा सकते है?

तो मै आप को बात दूँ की गूगल में 200 से ज्यादा Rules / Factors होता है जो की गूगल Use करता है उसके बाद ही Google ये Sure करता है की वेबसाइट का कौन सा पेज रैंक करना है? ये सब कुछ गूगल के Rules / Factors decide करता है,

अब सवाल उठता है की क्या 200 Rules फॉलो करना जरूरी है और क्या सभी के Value एक समान है?

एक बात और बता दूँ की इन 200 रुल्स में से हर फैक्टर / रुल्स का वैल्यू बराबर नहीं होता, क्यों की इन सभी रुल्स में से किसी रुल्स / फैक्टर का Importance बहुत ज्यादा होता है तो किसी रुल्स / फैक्टर का Importance कम होता है,

अगर एक साधरण तरीके से बताए तो ये 200 रुल्स / फैक्टर मुख्यतः 3 पार्ट में डिवाइड होता है, मतलब यदि आप को SEO के नजरिए से सोच रहें है तो आप यू कह सकते है की SEO के मुख्य 3 पार्ट में Divide है|

Main Parts Of SEO: –

1. Technical /On-Site SEO
2. On-Page SEO
3. Off-Page SEO/Backlinks

Technical SEO क्या है? / On-Site SEO क्या है?

आप के वेबसाइट में कंटेन्ट को छोड़ कर बाकी जीतने भी काम करना होता है उसे On-Site SEO/Technical SEO में काउन्ट कर सकते है?

Technical में लोग काफी गलतीयां करते है, ज्यादातर लोग थोड़ा बहुत on-page SEO कर लेते है और फिर सीधा backlink पर focus करते है जिसके चलते कुछ समय के लिए website पर ट्राफिक तो ले आते है और कुछ targeted Keywords भी उनके Search Engine में Rank करने लगते है लेकिन जब भी Google का कोई update आता है तो सब कुछ zero हो जाता है इस technic / concept को Black Hat SEO कहते है |

इस लिए यदि आप अपने वेबसाइट को On-page SEO और Off-Page SEO के साथ-साथ Technically Strong करते है, Technically वेबसाइट को सही करते है तो आप अपने website पर काफी अच्छे Organic Traffic ला सकते है क्यों की On-page SEO और Off-Page SEO से पहले आप को अपने Website के Technical SEO सही करने ही पड़ेगा |

टेक्निकल SEO/ On-Site SEO

Technical SEO को आज हम Step by Step समझेंगे, जिसके माध्यम से होने वाले प्रॉब्लेम को आसानी से Optimized कर Website Performance और Search Result को काफी अच्छा बना सकते है, आप इन सारे Rules / Factors को अपने वेबसाइट पर जरूर Implement करें |

  • Domain Name and Server Location
  • Page Speed
  • SSL Certificate
  • Site Architecture
  • 404 Errors
  • Mobile-Friendly and Responsiveness
  • Broken Links
  • HTML Errors
  • Robots.txt
  • Sitemap
  • CSS Test
  • JS Error
  • Google Search Console and Bing Webmaster Tools
  • Add URL parameters

1. Domain Name & Server Location: – इसमें बहुत से Factors है नीचे देखें:-

आप के डोमेन Name में कीवर्ड है या कुछ और वर्ड है, इससे आप के website पर फरक पड़ सकता है, यदि आप जिस टॉपिक या केटेगरी के अनुसार ब्लॉगिंग करना चाहते है या करते है यदि उसी से Related आप के डोमेन name है तो आप को काफी फायदे मिल सकते है।

Server location आप के टारगेट एरिया के अनुसार होना चाहिए, यदि आप का business India based है तो आप का server Location भी इंडिया होने चाहिए, मतलब उस country के बिजनस लोकेशन के अनुसार ही सर्वर Location होनी चाहिए।

2. Page Speed On-Site SEO factors

 मैंने देखा है काफी लोग अपने वेबसाइट के Page Speed पर ध्यान नहीं देते है, जबकी किसी भी ब्लॉगिंग या वेबसाइट के लिए Page Speed अच्छा होना बहुत और बहुत जरूरी है, यदि आप WordPress पर ब्लॉगीन कर रहे है तो आप के Page Speed बढ़ाने के लिए काफी अछे plugin मिल जायेगे जिसका उपयोग कर आप अपने वेबसाइट के पेज स्पीड को बढ़ा सकते है।

3. SSL सर्टिफिकेट On-Site SEO factors

SSL को ले कर मेरी काफी लोगों से बात हुई है और होती रहती है लेकिन उनमे से 70% लोगों का मानना है की SSL हो या ना हो इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ता केवल आप के कंटेन्ट अच्छे होने चाहिए, जो की वे बिल्कुल गलत सोचते है क्योंकी आप दिन रात कर के कोंटनेट लिखते है, आप के पूरे मेहनत करने के बाद भी आप के website secure नहीं है।

यदि किसी कारण आप की वेबसाइट स्पैम होती है या हैक होती है तो आप का पूरा मेहनत खत्म हो जाएगा इस लिए एक बात मै आप को क्लेयर-कट कर दूँ की आप के सोचने और ना सोचने से SSL के guideline पर कोई फ़र्क नहीं पड़ता क्योंकी यदि आप को SEO के माध्यम से ऑर्गैनिक ट्राफ़्फ़ी चाहिए तो आप को गूगल guideline फॉलो करने ही पड़ेगा मतलब आप के website पर SSL certificate होना जरूरी है ।

4. Site Architecture On-Site SEO factors

ज्यादा तर मैंने ये भी देखा है की काफी लोग अपने वेबसाइट के Site Architecture के ऊपर काम नहीं करते है, वे जैसे-तैसे कर के एक वेबसाइट लाइव कर लेते है और फिर उसपर कंटेन्ट शेयर करना चालू कर देते है, आप सोचे की यदि आप के साइट का design Architecture ही अच्छे से arrange नहीं रहेंगे तो उस सूचना को यूजर को कैसे दिखाएंगे।

Site Architecture के अंतर्गत Category, Navigation, Tags, Sitemap, breadcrumbs, Comment and Review Section, Footer, Post Images, यदि आप ब्लॉगीन या कोई आर्टिकल based website है तो आप के लिए ये जरूरी हो जाता है की आप अपने वेबसाइट में Resent Post, Related Post Structure और इंटेरलिंकिंग Design आर्किटेक्चर पर जरूर ध्यान दें।

5. 404 पेज On-Site SEO factors

यदि आप अपने वेबसाइट पर Pages Removed कर देते है तो ऐसे पेज आप को 404 error देने लगते है,और ऐसे में जब यूजर या क्रॉलर आप के वेबसाइट पर आते है तो उसका बुरा response होता, इस लिए आप को ऐसे 404 Pages को Fix करना बहुत जरूरी हो जाता है।

यदि आप ऐसा नहीं करते है तो आप का Search Result / और ऑर्गनीग ट्राफिक पर भी फर्क पड़ सकता है, यदि कोई भी यूजर आप के वेबसाइट पर आता है और उस दौरान उसे पेज पर 404 प्राप्त होगा तो वे आप के वेबसाइट को को तुरन बंद कर अपने उस जानकारी के लिए किसी और वेबसाइट पर विज़िट करेंगे इसके कारण आप के website Bounce rate ज्यादा होगा और आप का सर्च रिजल्ट भी नीचे होगा कारण आप के Website Organic Traffic घटेगा, यदि ज्यादा 404 Pages आप के वेबसाइट पर होता है तो आप की सर्च रिजल्ट zero भी हो सकता है।

6. Mobile Friendly and Responsiveness

आज के समय में लगभग 70-80% User Mobile से होते है, ऐसे में यदि आप की website Mobile Friendly and Responsiveness नहीं है तो आप बहुत बड़े User को खो सकते है, यदि आप को ऑर्गैनिक ट्राफिक चाहिए अपने वेबसाइट पर तो आप की वेबसाइट गूगल guideline के अनुसार मोबाईल फ़्रेंडली और Responsiveness होने ही चाहिए।

7. Broken Links On-Site SEO factors

आप के website से काफी सारे outbound Link जा सकती है, जो बड़ी बड़ी साइट है या कोई इन्फॉर्मटिव साइट हो उसको outbound लिंक देते है लेकिन कभी-कभी जो साइट वे delete हो जाती है या उनके pages में जो आप ने लिंक दिए है, जो डिलीट हो जाती है ऐसे मे ये ब्रोकन लिंक हो सकती है।

ऐसे ब्रोकन लिंक को आप खोजें और उन सभी Broken लिंक को fix करें, यदि ब्रोकन लिंक के मार्केट रिसर्च की बात करें 85% लोगों को पता ही नहीं होता है की उनके website पर कोई ब्रोकन लिंक है, यही नहीं, जो भी नए Blogger है उनको भी Broken link के बारे में पता नहीं होता है क्योंकी जो नयें ब्लॉगर होते है उनके Blog पर बहुत सारे Broken link होते हैं।

ब्रोकन लिंक काफी नुकसानदायक होता है किसी भी वेबसाइट के रैंक को डाउनलोड करने और यूजर को दुखी करने के लिए, इसलिए आप ऐसे लिंक को अपने website पर खोजे और उनको Fix करें, यदि आप Search Result को अच्छा करना चाहते है तो।

8. HTML Errors On-Site SEO factors

html errors मतलब आप के वेबसाइट के coding या theme में error हो सकती है, आप एचटीएमएल error को चेक करने के लिए गूगल के फ्री टूल्स “Google Webmaster/ console” का हेल्प ले सकते है यहाँ से आप को सारे html errors के details की जानकारी पता कर सकते है।

9. Robots.txt On-Site SEO factors

Robots File जो की किसी भी Search crawler का entry Gate होता है, ये वेबसाइट “सर्च क्रॉलर” के लिए बहुत ज्यादा जरूरी होता है, इस Robots File के माध्यम से आप website पर आने वाले Search crawler को Permission देते है, की कौन से Page या directory को क्रॉलर करना है और किसे ब्लॉक करना है मतलब किस पेज या डायरेक्टरी को सर्च इंजन में index करना यही और किसे ब्लॉक करना है, ये सारे पर्मिशन आप Robots.txt फाइल के माध्यम से दे सकते है।

10. Sitemap On-Site SEO factors

Sitemap ये आप के वेबसाइट का एक महत्वपूर्ण पार्ट है इसके माध्यम से आप अपने वेबसाइट को पूरे तरह से map कर सकते है, यदि आप ऑर्गनीग सर्च रिजल्ट के लिए काम कर रहे है तो, वैसे sitemap 2 तरह के होते है।

Sitemap.xml: – Sitemap xml Search crawler के लिए होता है, यदि आप की website static है। तो simply आप manually भी बना सकते है, यदि आप अपने वेबसाइट के लिए Sitemap.xml generate करना चाहते है तो बहुत सारे टूल्स और website है जिनके मदद से आप सिम्प्ली Sitemap.xml बना सकते है, गूगल में सर्च करें “ Sitemap Generator Tools “ आप को बहुत सारे वेबसाइट मिल जाएंगे जिसके सहायत से आप easily Sitemap.xml बना सकते है।

यदि आप की Website dynamic और वॉर्डप्रेसस में बनी है तो yoast plugin, Google XML Sitemaps, All in One SEO Pack, Premium SEO Pack, Sitemap Generator, Youtube Video Sitemap Generator, WP Sitemap Page, SiteX Sitemap Generator plugin मिल जायेगे जिससे आप Dynamic Plugin फॉर Dynamic website के लिए आसानी से बना सकते है यदि आप किसी और डाइनैमिक वेबसाइटें के लिए Sitemap.xml बनाना चाहते है सायद आप को किसी developer का हेल्प लेना पड़ेगा ।

यदि आप को WordPress website के अलावा किसी और Technology में बनी Website के लिए Dynamic sitemap.xml Generate करना है comment बॉक्स में जरूर बताएं ।

Sitemap.html: – Sitemap Html Basically website यूजर के लिए होता है, जिसे आप html में बना सकते है जो pages आप यूजर को दिखाना चाहते उसके अनुसार आप Sitemap.html बना सकते है।

11. CSS Test On-Site SEO factors

CSS का फुल फॉर्म Cascading Style Sheets, किसी भी वेबपेज के को design करने में उसके स्ट्रक्चर बनाने मे Html और CSS का अहम रोल होता है लेकिन जब कोई crawler वेबसाइट पर आता है और यदि उसके guideline तो CSS सेक्शन के लिए ओ सीधा CSS फ़ोल्डर में जाता है लेकिन यदि आप ने inline CSS वेबसाइट पर use किए है तो ऐसे में search crawler के पास सही जानकारी नहीं पहुच पाती है, इस लिए आप CSS को गूगल के guideline के अनुसार ही रखें

12. JS Error On-Site SEO factors

आज के Time में JS किसी भी वेबसाइट को design और develop करने में सबसे बाडा फैक्टर माना जाता है, JS ( JavaScript ) एक powerful स्क्रिप्टिंग लैंग्वेज है, जिसे html और CSS के साथ उपयोग कर के किसी भी वेबपेज को Interactive बनाया जा सकता है, गूगल ने JS के लिए भी guideline बना रखे है।

यदि आप उस guideline को fill नहीं करते है तो आप को Search Result में प्रॉब्लेम हो सकती है, यदि आप अपने वेबसाइट मे JS से रिलेटेड Error चेक करना चाहते है तो आप “Google Page Speed Insights” को ओपन कर के चेक कर सकते है।

13. Google Search Console and Bing Webmaster Tools

ये दोनों Tools बिल्कुल Free है आप अपने Website और pages को Google और Bing search Engine में index करना चाहते है तो आप इस tools के माध्यम से आसानी से अपने website और Pages को submit कर सकते है, जब आप की वेबसाइट रेडी हो जाए तो आप अपने website के sitemap.xml को submit कर दें, search crawl आप के Website और pages को cache कर के search results में display कर देंगे।

Google Search Console and Bing Webmaster Tools आप के website आँख और कान बन के आप को गाइड करेंगे जिसके चलते आप आसानी से Website optimized कर के Search Result अच्छा कर सकते है।

Google Search Console and Bing Webmaster Tools के मुख्य कार्य बिन्दु:

  • आप अपने Website Mobile usability चेक कर सकते है।
  • अपने वेबसाइटें के Search Analytics को भी देख सकते है।
  • आप के website पर किस तरह के backlink है उसे देख सकते है।
  • अपने Website के spammy backlink को Disavowing करा सकते है।
  • आप अपने website के URL को check कर सकते है और Search Result में index के लिए request भी कर सटे है।
  • Website Security issues से संबंधित जानकारी भी आप देख सकते है।

14. Add URL parameters

URL पैरामीटर, सच बोले ये वर्ड सुनने मे जितन आसान लग रहा है उतना है नहीं और वैसे भी URL पैरामीटर का कोई निश्चित और सीमित परिभाषा नहीं है, लेकिन मै यहाँ जिस पैरामीटर की बात कर रहा हूँ ओ आप के यूआरएल में use किया हुआ keywords से है, URL पैरामीटर को सीधे-सीधे समझा जाए तो इसका मतलब होता है की आप के जो प्रोडक्ट, सर्विसेज़ या कोई इनफार्मेशन जब वेसबीते पर डालते है तो उससे रिलेटेड आप Title भी डालते होंगे बस ऐसे ही आप को URL में भी Post Related keywords या Title होनी चाहिए, कुछ इस तरह के structure URL को URL parameters कहते है जिसके माध्यम से search crawl आप के सूचना को सूचरु रूप से study कर पता है और उसको एक सही Index, search result दे पता है।

मै URL parameters को कुछ उदाहरण, जैसे Generally हमारे Website के URL Parameters कुछ ऐसे होते है

WordPress: example.com/what-is-technical-seo

Blogspot: example.com/2016/05/what-is-technical-seo.html

लेकिन जब बात आती है Referral URL parameters की जैसे जब कोई  Visitor Referral Website example facebook, google, twitter, Instagram जैसे अन्य website से यूजर हमारे website पर आते है तो  कुछ permalink मतलब कुछ extra words add हो जाते है और एक अलग URL बनाते है, जैसे

WordPress: example.com/what-is-technical-seo?utm_source=facebook

Twitter : yousitename.com/2016/05/what-is-technical-seo?utm_source=twitter

ऐसा URL स्ट्रक्चर किसने और क्यों बनाया, तो मै आप को बाता दूँ की जब कोई भी विज़िटर किसी और वेबसाईट पर से हमारे website पर आता है और यदि उस URL मे referral parameters जुड़ जाता है तो गूगल आसानी से ये पता लगा लेता है की आप के website पर user किस website पर से हो कर आया है |

विसेस जानकारी के लिए आप गूगल के इस विडिओ को जरूर देखें –

Technical SEO करना काफी आसान है, आप को केवल इस ब्लॉग के पोस्ट को पूरा अच्छे से फॉलो करना होगा, टेक्निकल एसईओ कैसे करें इस बारे में जानकारी कैसी लागि आप हमें comment मे जरूर बताएगा, सर्ज इंजन ऑप्टिमाइज़ेशन (एसईओ) से संबंधित और भी यदि जानकारी आप चाहते है तो कमेन्ट बॉक्स में हमें जरूर शेयर कीजिएगा |

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