92 साल पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना हुई थी| . संघ का सपना लंबे सफर के बाद पूरा हुआ है. आज देश के तीनों सर्वोच्च पदों पर स्वयंसेवक विराजमान है |
उपराष्ट्रपति के पद पर वेंकैया नायडू की जीत ने संघ के सपने को साकार कर दिया है | मोदी सरकार बनते ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के खाते में एक और उपलब्धि जुड़ गई है | आजादी के बाद ये पहला मौका है जब देश के तीनों सर्वोच्च संवैधानिक पदों पर आरएसएस के स्वयंसेवक काबिज हैं | में देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति निर्वाचित वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संघ के आंगन से निकले हुए स्वयंसेवक हैं |
रामनाथ कोविंद, वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेंद्र इन तीनों नेताओं की जिंदगी के उन पहलूओं पर नजर डालते हैं जहां काफी कुछ एक जैसा दिखता है |
- गरीबी में बीता बचपन
- संघ की पृष्ठभूमि
- तीनों का कोई राजनीतिक गॉडफादर नहीं
- साफ-सुथरी छवि
दिलचस्प बात ये हैं कि तीनों ही नेताओं की छवि काफी साफ-सुथरी मानी जाती है. भ्रष्टाचार के आरोपों से तीनों पाक साफ हैं. यहीं वजह है कि विरोधी पार्टियां इनकों कटघरे में खड़ा करने में नाकामयाब रही हैं.
इन तीनों नेताओं में एक और सबसे बड़ा समानता है | तीनों ने बिना किसी सियासी गॉडफादर के पार्टी और राजनीति में अपनी जगह बनाई | इन तीनो नेताओ को राजनीत बिरासत में नहीं मिली है | बल्कि संघ के सबसे प्राथमिक सदस्य के रूप में जुड़कर सीढ़ी दर सीढ़ी चढ़ते हुए तीनों नेताओं ने ये ऊंचाई हासिल की है. आज ये तीनों जो कुछ भी हैं वो उनकी मेहनत और मशक्कत का नतीजा है |