44वां बर्थडे मना रहे सोनू निगम को देखकर उनकी उम्र का अंदाजा लगा पाना आसान नहीं है।
पानीपत/फरीदाबाद। स्टेज शो से अपने कैरियर की शुरुआत कर पहले शादियों वगैरह में गाते थे। आज वही साेनू निगम हिन्दी सिनेमा के सुप्रसिद्ध पार्श्वगायक के रूप में श्रोताओं के दिलों पर राज कर रहे हैं। सोनू निगम आज अपना 44वां बर्थडे मना रहे हैं, लेकिन यह भी सच्चाई है कि उन्हें देखकर उनकी उम्र का अंदाजा लगा पाना आसान नहीं है।
– सोनू निगम का जन्म हरियाणा के फरीदाबाद शहर में 30 जुलाई 1973 को हुआ। उनके पिता माता-पिता गायक थे। बचपन से ही सोनू निगम का रुझान संगीत की ओर था और वह भी अपने माता-पिता की तरह गायक बनना चाहते थे।
– इस दिशा में शुरुआत करते हुए उन्होंने अपने पिता के साथ महज तीन वर्ष की उम्र से स्टेज कार्यक्रमों में हिस्सा लेना शुरू कर दिया। चार साल की उम्र में सोनू निगम ने गायकी का कैरियर तब शुरू कर दिया था, जब उन्होंने एक स्टेज पर अपने पिता अगम निगम के साथ मोहम्मद रफी के गाने ‘क्या हुआ तेरा वादा’ गाने को गाना शुरू कर दिया।
– उसके बाद से वे अपने पिता के साथ शादियों और पार्टियों में गाने लगे। 19 साल की उम्र में वे गायकी को अपना कैरियर बनाने के लिए अपने पिता के साथ मुंबई आ गए। उन्होंने हिन्दुस्तानी क्लासिकल गायक उस्ताद गंलाम मुस्तफा खान से प्रशिक्षण लिया।
करना पड़ा काफी मुश्किलों का सामना
– हालांकि मायानगरी मुंबई में उन्हें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। जीवनयापन के लिए वह स्टेज पर मोहम्मद रफी के गाए गानों के कार्यक्रम पेश किया करते थे। इसी दौरान प्रसिद्ध कंपनी टी.सीरीज ने उनकी प्रतिभा को पहचान उनके गाए गानों का एलबम रफी की यादें निकाला।
सोनू निगम ने पार्श्वगायक के रूप में अपने सिने करियर की शुरुआत फिल्म जनम से की, लेकिन दुर्भाग्य से यह फिल्म प्रदर्शित नहीं हो सकी। लगभग पांच वर्ष तक वह मुंबई में पार्श्वगायक बनने के लिए संघर्ष करने लगे। आश्वासन तो सभी देते, लेकिन उन्हें काम करने का अवसर कोई नही देता था। इस बीच सोनू निगम ने बी और सी ग्रेड वाली फिल्मों में पार्श्वगायन किया, लेकिन इन फिल्मों से उन्हें कोई खास फायदा नहीं पहुंचा।
फिर ऐसे हुए सितारे बुलंद
– सोनू निगम के कैरियर के लिए 1995 अहम वर्ष साबित हुआ और उन्हें छोटे पर्दे पर कार्यक्रम सारेगामा में होस्ट के रूप में काम करने का अवसर मिला। इस कार्यक्रम से मिली लोकप्रियता के बाद वह कुछ हद तक अपनी पहचान बनाने में कामयाब हो गए।
इस बीच उनकी मुलाकात टी-सीरीज के मालिक गुलशन कुमार से हुई, जिन्होंने उनकी प्रतिभा को पहचान करके अपनी फिल्म बेवफा सनम में पार्श्वगायक के रूप में काम करने का मौका दिया। इस फिल्म में उनके गाए गीत अच्छा सिला दिया तूने मेरे प्यार का उन दिनों श्रोताओं के बीच क्रेज बन गया। फिल्म और गीत की सफलता के बाद वह पार्श्वगायक के रूप में फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने में कामयाब हो गए।
बेवफा सनम की सफलता के बाद सोनू निगम को कई अच्छी फिल्मों के प्रस्ताव मिलने शुरू हो गए, जिनमें दिल से, सोल्जर, आ अब लौट चलें, सरफरोश, हसीना मान जाएगी और ताल जैसी बड़े बजट की फिल्में शामिल थी। इन फिल्मों की सफलता के बाद उन्होंने सफलता की नई बुलंदियों को छुआ और एक से बढ़कर एक गीत गाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
सोनू निगम को वर्ष 1997 में अनु मलिक के संगीत निर्देशन में बाॅर्डर फिल्म में पार्श्वगायन करने का अवसर मिला। इस फिल्म में उन्होंने संदेशे आते हैं गीत के जरिये अपने ऊपर लगे मोहम्मद रफी के क्लोन के ठप्पे को सदा के लिए मिटा दिया। वर्ष 1997 में ही सोनू निगम को शाहरुख खान अभिनीत फिल्म परदेस में पार्श्वगायन करने का अवसर मिला। नदीम श्रवण के संगीत निर्देशन में उन्होंने ये दिल दीवाना गीत गाकर न सिर्फ अपनी बहुआयामी प्रतिभा का परिचय दिया, बल्कि युवाओं के बीच क्रेज भी बन गए।
320 फिल्मों के लिए गाए गीत, दो बार मिला फिल्म फेयर अवार्ड
आमिर खान और शाहरुख खान जैसे नामचीन नायकों की आवाज कहे जाने वाले सोनू निगम ने तीन दशक से भी ज्यादा लंबे कैरियर में लगभग 320 फिल्मों के लिए गीत गाए हैं। उन्होंने हिन्दी के अलावा उर्दू, अंग्रेजी, तमिल, बंगला, पंजाबी, मराठी, तेलुगू, भोजपुरी, कन्नड़, उड़िया और नेपाली फिल्मों के गीतों के लिए भी अपना स्वर दिया है।
बहुमुखी प्रतिभा के धनी सोनू निगम ने कई फिल्मों में अभिनय भी किया है। उन्होंने प्यारा दुश्मन कामचोर, उस्तादी उस्ताद से, बेताब, हमसे है जमाना और तकदीर जैसी फिल्मों में बाल कलाकार के रूप में काम किया है और जानी दुश्मन एक अनोखी प्रेम कहानी लव इन नेपाल और काश आप हमारे होते जैसी फिल्मों में भी बतौर अभिनेता के रूप में काम कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया है।
– इसके बाद सोनू निगम अब तक दो बार फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किए जा चुके हैं। सबसे पहले उन्हे 2002 में फिल्म साथिया के साथिया गाने के लिए सर्वश्रेष्ठ गायक का फिल्म फेयर पुरस्कार दिया गया। इसके बाद 2003 में फिल्म कल हो ना हो के गीत कल हो ना हो के लिए भी उन्हें सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायक के फिल्म फेयर पुरस्कार के साथ ही राष्ट्रीय पुरस्कार भी दिया गया।
– सोनू अब काफी फेमस सिंगर बन चुके हैं। वो एक गाने का 6 लाख रुपए चार्ज करते हैं। सोनू निगम के अंदर गाने के साथ एक और हुनर जो शायद कम ही लोग जानते हों और वो है मिमिक्री का।