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बिहार का इस साल का टॉपर भी फर्जी है क्या?

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सरदार खान जब पहली बार नज़र आता है तो बिना बाल की खोपड़ी लिए, गमछा डाले, जीप की टेक लिए सरदार खान चिल्ला रहा था, “गिरिडीह…गिरिडीह…गिरिडीह…झरिया, धनबाद, वसेपुर…!!!” वो सवारी भर रहा था. पहले गिरिडीह फिर झरिया और फिर पड़ता है वसेपुर. उस वक़्त ये सब कुछ बिहार में था. अब सब कुछ झारखंड में है. सरदार खान की बदौलत खूनी इमेज पाए इन इलाकों में से एक गिरिडीह का बल्ब तब जला जब यहां के सरिया गांव में रहने वाले गणेश कुमार ने आर्ट्स साइड में बिहार बोर्ड टॉप कर दिया. गणेश कुमार ने म्यूज़िक में 83 मार्क्स और हिंदी में 92 मार्क्स स्कोर किये.

हुआ ये है कि इस खबर में थोड़ा-थोड़ा शक हो रहा है. अताउल्लाह खान आंखें बंद किये किये गाते थे कि ‘इश्क़ में हम तुम्हें क्या बताएं, किस कदर चोट खाए हुए हैं…’ वही हाल यहां भी है. पिछले साल ‘प्रॉडिगल साइंस’ की बदौलत ऐसी चोट लगी है कि अब बिहार और टॉप, ये दो शब्द एक ही वाक्य में आ जाएं तो आंख फड़कने लगती है. हालांकि गणेश कुमार पर ये शक बेबुनियादी नहीं है. इस शक की वजहे हैं.

वजह #1
ये तस्वीर है उस विद्यालय की जहां गणेश कुमार शिक्षारत थे. ऐसा नहीं है कि किसी के मार्क्स स्कूल की बिल्डिंग पर डिपेंड करते हैं. बस मैं एक अपवाद था. मेरे स्कूल की बिल्डिंग लाल थी, मेरी आंसर शीट में भी सब लाल ही लाल रहता था. मगर जब आप गणेश कुमार के विद्यालय ‘रामनंदन सिंह जगदीप नारायण उच्च माध्यमिक इंटर महाविद्यालय, जिला समस्तीपुर’ की बिल्डिंग देखते हैं तो शक करने लगते हैं. क्या यहां पढ़ाई भी होती है? लेकिन फिर वही बात, बिल्डिंग से मार्क्स का क्या लेना-देना? लाल बहादुर शास्त्री तो रोज़ नदी तैर कर स्कूल जाते थे. वो भी तो टॉपर थे.

वजह #2

गणेश ने ऑप्शनल सब्जेक्ट में होम साइंस और म्यूज़िक सब्जेक्ट चुना. यहां समस्या है. अब वापस पिछली वजह पर पहुंचिए. इस बिल्डिंग में आपको लगता है कि होम साइंस और म्यूज़िक पढ़ाया जाता होगा? क्या सच में? अब पह्लिया उर दूसरी वजह का कॉम्बो लीजिये और सोचिये. क्या लगता है?

वजह #3
आप जब बारहवीं में थे तो आप कितने साल के थे? 17? 18? गणेश कुमार 24 साल के हैं. डेट ऑफ़ बर्थ 2 जून 1993 है. छोटी क्लास में बड़ा धमाका थे.

वजह #4

गणेश कुमार के एडमिशन फॉर्म पर कहीं भी डेट ऑफ़ एडमिशन नहीं लिखा है. जबकि ये हज़रत रेगुलर स्टूडेंट रहे हैं.

वजह #5
गणेश कुमार के एडमिशन फॉर्म में कहीं भी प्रेज़ेंट एड्रेस नहीं दिया हुआ है. गणेश कुमार समस्तीपुर में ही रहते हैं. परमानेंट एड्रेस के नाम पर सरिया, गिरिडीह, झारखंड दिया हुआ है.

बाद की तीन वजहें जब देखि जाएं तो बड़ा झोल दिखाई देता है. न एड्रेस है, न डेट ऑफ़ एडमिशन है और न ही एड्रेस है. लड़का है या घोस्ट? (अंग्रेजी में घोस्ट का मतलब भूत ही नहीं होता. ये ऐसे आदमी के बारे में भी इस्तेमाल किया जाता है जिसके बारे में कुछ मालूम ही न चल रहा हो.)

गणेश कुमार की मार्कशीट संलग्न है:

 

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