चम्पारण में गान्धीजी का निवास एवं दिनचर्या
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दिनांक 19.04.1917 को गान्धीजी को लग गया था कि चम्पारण में लम्बे समय तक रहना पड़ेगा तथा सहयोगियों के लिए बड़े एव अलग घर की आवश्यकता पड़ेगी। श्री राम दयाल प्रसाद जो मोतिहारी के साहू घराने के युवक थे । उन्होंने एक अलग मकान की व्यवस्था कर दिया। उसी समय गान्धीजी ने सबोको आदेश दिया कि नये निवास स्थान में चलना है। मकान की सफाई बगैरह होते-होते संध्या हो गई तथा सभी लोगों ने सोचा कि आज रात में नई जगह न जाकर अगले दिन सुबह चले चलेंगे और सभी सहयोगियों ने न जाने का फैसला किया। रात में करीब नौ बजे के बाद गान्धीजी ने जानना चाहा कि नए मकान में कब चलना है तब उन्हें बताया गया कि सब की राय है कि कल सबेरे चलेंगे। सभी सहयोगियों का यह विचार गान्धीजी को पसन्द नहीं आया। उन्होंने सबो से कहा कि ‘‘जब एक बार
बताया जा रहा है कि चीनी सेना के जवान 500 मीटर तक भारतीय सीमा में घुस आए और दो घंटे के बाद वापस चले गए. जानकारी के अनुसार यह घटना पिछले हफ्ते की है.
नई दिल्ली: भारत और चीन की सीमा कई स्थानों पर निर्धारित नहीं है, लेकिन कई जगहों पर सीमा स्पष्ट है. इसके बावजूद चीन की ओर से भारतीय सीमा क्षेत्र का उल्लंघन होता रहा है. अब उत्तराखंड में चीनी सेना के जवानों के भारतीय सीमा में घुस आने की खबर है. बताया जा रहा है कि चीनी सेना के जवान 500 मीटर तक भारतीय सीमा में घुस आए और दो घंटे के बाद वापस चले गए. गृह मंत्रालय के अधिकारी ने भी इस बात को माना है चीनी सैनिक भारतीय सीमा में घुस आए थे. जानकारी के अनुसार यह घटना पिछले हफ्ते की है. हालांकि सेना और सरकारी सूत्रों ने उत्तराखंड के बराहोती में चीनी सेना के घुसपैठ की खबर को गलत बताया है. सूत्रों का कहना है कि वहां आमतौर पर दोनों देशों के सैनिक एक दूसरे के
उलझन एक अजीब है , जब उलझे संसार |
प्रेम में उलझन , बनती बात ,
प्रेम उलझकर बना ओ प्यार , इतना सुन्दर ये संसार ||
प्रेम रूपी जब दीप जला तो , खुशियों से खिलता संसार |
खुशिया बहुत निराली है , जब उलझन बनता प्यार ही प्यार ||
जब उलझन होता झगड़ो का , तब दुनिया बनती खड़हर सा |
इश दुनियाँ (परिवार) में दीप न जलता , तो लगता है आया काल |
काल रूपी जब दीप जला तो , खुशियाँ बनती है जौजाल ||
जब खुशियाँ उठती है ऊपर , तो आते है काल का छाँव |
इश छाँव में जल जाते है , ऊपर -ऊपर के ही पाँव ||
तो लगे कबारन(उजागर) उन मुर्दो(बात) को , जो खुशिओं से दबे पड़े थे |
जब कबरन को मुर्दे लागे, तो लागे संसार की दुरी भागे |
छांट - छूँट कर , बाट बूट कर , अलगा हुवा यही संसार |- 2 |
एक ही खून के दो जन्मे थे , लेकिन बात नहीं बनते थे |
एक लगा कुछ बोलन लागे , दूसरा बोलन जोर से लागे ||
इशी बीच में हो गई
हे रातों के मच्छर दाता,
तू ही मलेरिया का है बिधाता |
तू चाहें तो रात बिता दे,
तू चाहें तो रात भर जगा दें |
तेरी दया जहाँ जाती है ,
वहां कृपया रहता है तुम्हारा |
तेरा घर तो नाला – नाली
नदी, तालाब, और गंदे पानी |
तू तो दिन वही बिताता,
रात को मेरे घर में आता |
ऊँ ऊँ कर बाते तू करता,
तू तो सबसे है कुछ कहता |
तेरी बाते बहुत निराली,
ऊ ऊ वाली बाते प्यारी |
तेरी बाते जो ना सुनता
उसको तू देता है दण्ड |
हे रातों के मच्छर दाता,
तू ही मलेरिया का है बिधाता |
- Mukesh Chakarwarti
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भोजपुरी को संवैधानिक मान्यता के लिए बहुत पहले से आवाज उठती आ रही है। लगभग 50 सालों से अलग-अलग स्तर पे आन्दोलन चल रहे हैं। सरकार का इस मुद्दे परक्या रुख है ये तो अबतक साफ नहीं है लेकिन इन दिनों एक संगठन ने आन्दोलन का अलग ही रूप इख़्तियार किया है। कुछ ही दिनों पहले शुरू हुए इस संगठन का मानना है कि भोजपुरी भाषा को संवैधानिक मान्यता ना मिलने की एक बहुत बड़ी वजह ये है कि लोगों को इस भाषा की गहराई नहीं मालूम लोग भोजपुरी को बस अश्लील और द्विअर्थी गीतों से ही जानते हैं। लोगों की इस सोच को बदलने का बीड़ा उठाया है युवाओं के संगठन "पुरुआ" ने। "पुरुआ कुछ यूवाओं का संगठन है जिनका संकल्प है भोजपुरी भाषा में अच्छे और स्तरीय गीत-संगीत का निर्माण करना। इसके लिए इन्होने देश-विदेश से भोजपुरी भाषियों को जोड़ा है एवं नए कलाकारों को लेकर ही गीत संगीत का निर्माण कार्य कर रहे हैं।
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हिन्दी दिवस पर किए गए ट्वीट में वीरेंद्र सहवाग से चूक तो हुई लेकिन उन्होंने इसे एक अन्य ट्वीट में ठीक भी कर लिया...
ये तो सभी आप भी जानते हो की वीरेन्द्र सहवाग (वीरू) जो की भारतीय क्रिकेट के ताबड़ – तोड़, धाकड़ बल्लेबाज रहे वीरू आजकल अपने मजेदार ट्विटर अकाउंट पर ट्वीट्स के लिए जाने जाते है |
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14 सितंबर हिन्दी दिवस के मौके पर सहवाग ( वीरू) ने भी ट्विटर पर सभी फैन्स को हिन्दी दिवस की बधाई दी. लेकिन इस बार वीरेन्द्र सहवाग ने ट्वीट करते वक्त बड़ी चूक कर बैठे | इसमें वह स्पेलिंग मिस्टेक कर गए , वैसे उन्होंने अपने ट्वीट के साथ एक फोटो भी पोस्ट की जिसमें कोई चूक नहीं थी |
हिन्दि हमारे राष्ट्र की अभिव्यक्ति का सरलतम स्त्रोत है ! जो बात हिंदी में है वो किसी और में नही! 17 Sept. को हिंदी कमेंट्री !#HindiDiwas . pic.twi
एक चम्मच मेथी दाना तथा एक चम्मच आंवला चूर्ण 100 ग्राम नारियल के तेल में पका ले | प्रतिदिन इस तेल से सिर की मालिश करने से बालों का झाड़ना रुक जाता है |
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— Acharya Balkrishna (@Ach_Balkrishna) September 13, 2017
बढ़ते प्रदूषण,केमिकल्स, तेल और शैंपू के इस्तेमाल के वजह से बालों की सेहत पर बेहद बुरा असर पड़ रहा है। जिसके चलते समय से पहले झड़ने, सफेद हो जाने, तथा रूखे होने की समस्या से लोग बहुत परेशान हैं।
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बाजार में बहुत से प्रोडक्ट और दवाएं जो दावा करती है सुंदर और खूबसूरत घने बालो का ।
बाजार में बहुत से प्रोडक्ट और दवाएं जो दावा करती है सुंदर और खूबसूरत घने बालो का जो लाभ की बजाय उन्हें और नुकसान पहुंचाती हैं। ऐसे समय पर
प्राकृतिक तरीकों का इस्तेमाल ज्यादा बेहतर हो सकता है।
गुड़हल के फूल देखने में जितने सुंदर होते है उतने ही स्वास्थ्य के लिए रामबाण भी होते है। इसमें कैल्शियम, वसा फाइवर आयरन पाई जाती है। इसमें और कई पौष्टिक तत्व जैसे विटामिन सी, मिनरल औ