Saturday, July 27Welcome to hindipatrika.in

नीतीश कुमार और बीजेपी के साथ आने से निराश हैं प्रशांत किशोर



बिहार में हुए अप्रत्याशित राजनीतिक घटनाक्रम के तहत नीतीश कुमार ने जब महागठबंधन को छोड़, बीजेपी से हाथ मिलाया तो यह सिर्फ लालू प्रसाद यादव के लिए नहीं, बल्कि उस शख्स के लिए भी तगड़ा झटका था जिन्हें महागठबंधन का शिल्पकार माना जाता है। जी हां, बात प्रशांत किशोर की हो रही है। प्रशांत किशोर ही वह शख्स हैं जिन्होंने 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महीनों की मेहनत के बाद महागठबंधन का फार्म्युला तैयार किया था और उसे बड़ी जीत दिलाई थी।

Nitish Kumar with Prashant Kishore

माना जाता है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की जीत के बाद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने जिस तरह प्रशांत किशोर की उपेक्षा की, उसका जवाब उन्होंने 2015 में बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की बड़ी जीत के साथ दिया। बिहार में जीत के बाद उन्हें इनाम के तौर पर सीएम नीतीश का सलाहकार बनाते हुए कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया। वह नीति और कार्यक्रमों को लागू करने के मामलों में सीएम को सलाह दिया करते थे। बिहार विकास मिशन प्रशांत के ही दिमाग की उपज थी।

जेडीयू नेता पवन वर्मा ने कहा, ‘आरजेडी का साथ छोड़ने का फैसला इसलिए लिया गया ताकि विकास की अजेंडे पर आगे बढ़ा जा सके। महागठबंधन में चल रही टेंशन के चलते विकास का काम पटरी से उतर गया था।’ वर्मा ने यह भी कहा कि प्रशांत पिछले काफी वक्त से इस मिशन से कटे हुए थे, वह सैलरी भी नहीं ले रहे थे। प्रशांत के सहयोगियों ने भी इस बात की पुष्टि की है कि वह पिछले एक साल से बिहार नहीं आए हैं। सूत्र बता रहे हैं कि किशोर इस वक्त तमिलनाडु में हैं और उनकी डीएमके से बातचीत चल रही है।

Source

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Share via
Copy link
Powered by Social Snap