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आखिर दिल्ली में बार-बार क्यों आता हैं भूकंप ? क्या है इसके बिछे का सच ? हम भूकंप के लिए आखिर कितना तैयार है ?

earch quickभूकंप यानी एक ऐसा नाम जिससे सुनते ही लोगों के रोगटे खड़े हो जाते है | दिल्ली-एनसीआर और उत्तर भारत में आ रहे भूकंप के बार-बार झटको के चलते लोगो में डर बना रहता है | दिल्ली-एनसीआर  भूकंप के सीसमिक जोन 4 में आते हैं जो भूकंप के खतरे में बाहर नहीं है| जिस  खतरे के लिए सरकार पहले से अलर्ट कर राखी है |

आज यानि 31 January 2018 के भूकंप ने लोगों को फिर भयभीत कर दिया जिसकी  तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.1 नापी गई है | कुछ मीडिया के मुताबिक पाकिस्तानी और अफगानिस्तान में कई लोग घायल हुए हैं | भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के कुंदुज में पाया गया है | दुनिया में भूकंप के विनाशलीला किसी से छुपी नहीं है जिसके कल्पना मात्र से से दिल दहल जाता है |

भूकंप जोन:-

भारत में भूकंप जोन को चार भागों में बाटा गया है | देल्ही-एनसीआर भूकंपीय क्षेत्रों के जोन 4 में स्थित है | ऐसे में दिल्ली एक भी भूकंप झेल नहीं सकती | इसी लिए बहुमंजिली इमारतें नहीं बनाई जाती थीं लेकिन अब सब कुछ नियम कायदों को ताक पर रखे धड़ल्ले से कुछ पैसे कमाने के लिए लोगो की जिन्दगी दाव पर रख कर इमारते खाड़ी की जा रही है | लेकिन आने वाले समय में इसका नातिजा बहुत ही भयावह होगा |

बार-बार क्यों भूकंप के कारण:-

देल्ही-एनसीआर भूकंप जोन 4 में स्थित होने के साथ-साथ हिमालय के निकट है जो यूरेशिया जैसी टेक्टॉनिक प्लेटों के मिलने से बना है |ये प्लेटे ऐसी है जो आपस में टकराती रहती है और हलचल पैदा करती है जिसके वजह इन इलाकों में यानि पुरे उत्तर भारत में भूकंप का खतरा बना रहता है |

उत्तर भारत में कुछ ऐसे भी जगह है जहाँ तीन फॉल्ट लाइन मौजूद हैं, जिसके चलते कभी भी इन क्षेत्रो में भूकंप के खतरे से  नहीं किया जा सकता |

वैसे आप को बता दे की 7.4 तीव्रता का भूकंप पृथ्वी किसी भी हिस्से को तवाह करने के लिए काफी है | क्यों की ऐसे भूकंप कई बार देखने को मिला है और इसके खाते की तवाही भी सबने देखा है | लेकिन कभी कभी ऐसा भी होता है की भूकंप का केंद्र जमीन के काफी अन्दर होने के चलते 7.4 तीव्रता से नुकसान नहीं हुआ। जो काफी सुकून देने वाल होता है लेकिन फिर भी हमें ऐसे खतरों से सावधान रहना चाहिए |

एक बात आप को बता दे की दिल्ली भूकंप जोन में पूरी तरह से आता है। लेकिन जिस तरह से बहुमंजिली इमारतें बनी है उससे खतरा और भी बड़ा हो गया है | ये क्षेत्र हिमाचल प्रदेश से शुरू होता है और उत्तर भारत के भी कई इलाके इस भूकंप जोन में आते है |

दिल्ली में इमारतो का हाल :-

दिल्ली में जितने सरकारी इमारते बनी है जो आम जनता के लिए अलोट किये गए है ओ सबसे खतरे में आते है | क्यों की उसकी अवस्था जितनी बुरी है यहाँ लोग  बिलकुल जर-जर स्थिती में रहते  है | उदहारण के लिए इंदिरापुरम गाजियाबाद , उत्तर प्रदेश जो की इंदिरा गाँधी के स्कीम के तहत बनाया गया था | जिसे बनाने में जिस तरह के नियमो को ताख  पर रख कर बनाया गया है  जिस भी व्यक्ति ने  अपने आखों से बनते हुए देखा वो सभी लगो इस इंदिरा गाँधी के स्कीम का हिस्सा नहीं बने |  जो अब भी  पैरो से दीवारों को मारा जाये तो गिर जायेगा | जिस देख कर लगता है की  जाँच की प्रतिक्रिया भी घोटालो के नाम चढ़ गया | जीतनी भी सरकारे आई किसी ने  ध्यान नहीं दिए |

ऐसे ही कुछ रियल स्टेट कंपनियों के मध्यम से बनने वाले मकोनों का हाल भी है| जिसे देख कर लगता है की ये जाँच को ताख पर रख कर बनाया गया है|

जिस तरह के मनमाने तरीके से मकाने बन रहे है इससे इंकार नहीं किया जा सकता है यदि देल्ही-एनसीआर में खुदा ना खास्ता 7.4 तीव्रता का भूकंप आ गया तो लोंगों को उस संकट से निकलने में सालों लग जायेगें | लेकिन ये सब जानते हुए भी सरकारें अपनी आखें मुद कर चल रही है |

दुनिया में ऐसे ऐसे देश लोंगों से देखा है ऐसे ही एक छोटा सा देश “हैती” जो पूरी तरह से कब्रगाह बन गया था | वही नेपाल के तरसादी को लोग अभी भी नहीं भूल पायें है | वहीँ भारत में गुजरात की त्रासदी भी लोंगों ने देखा है| ऐसे बहुत सारे उदारहण हमारे सामने पड़ा है जिसे देख कर होने वाले हादसे को नाकारा नहीं जा सकता |

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