नक्सलियों का गढ़ माने जाने वाले अबूझमाड़ पर सरकार ने चिन्हित करके अपना दखल बढ़ाना शुरू कर दिया है. अबूझमाड़ में चिन्हित करने का काम प्रशासन से शुरू किया है. इसके लिए बाकायदा गांव-गांव जाकर हर एक प्लॉट और घर का सर्वे किया जा रहा है. आजादी के बाद ऐसा पहली बार हुआ है.
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक 22 अप्रैल से ये काम नारायणपुर जिले से शुरू किया गया है| ये अभियान अकाबेदा गांव से शुरू किया गया. गांववाले भी चाहते हैं कि उनकी जमीन पर उनका हक हो. ये प्रोजेक्ट काफी वक्त से पाइपलाइन में था, लेकिन अब जाकर पहली बार शुरू हो पाया है.’
क्या है मकसद
हालांकि प्रशासन / सरकार का कहना है कि इस सर्वे का मकसद रिवेन्यू रिकॉर्ड्स इकट्ठा करना है. ताकि लोगों को उनकी जमीनों पर हक और इंसाफ दिलाया जा सके और साथ ही साथ लगो के आर्थिक स्थिति में सुधार लाया जा सके. हालांकि माना ये भी जा रहा है कि सरकार इसके जरिए नक्सल प्रभावित इलाकों में खुद को मजबूत करना चाहती है. सरकार के इस कदम को गांववालों के साथ मिलकर नक्सलियों से पार पाने की मुहिम का हिस्सा माना जा रहा है.