बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौट आज का सुर्खियों में है वैसे ये हमेस से ही एक बोल्ड आवाज के लिए जानी जाती है।
शनिवार को अभिनेत्री कंगना रनौट ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर स्टोरी के जरिए सवाल उठाया है और पूछा की “1947 में कौन सा युद्ध हुआ था, जरा इसका कोई जबाब दें, यदि कोई इस सवाल का जवाब दे देता है तो मैं अपना पद्मश्री सम्मान वापस करने के साथ साथ माफी भी मांग लूंगी.”
आप को बता दें की हाल ही में एक निजी चैनल के कार्यक्रम के दौरान अभिनेत्री कंगना रनौट कहा था कि भारत को “असली आज़ादी”2014 में मिली है. आगे ओ यहीं नहीं रुकी बल्कि ये तक कह डाला की उन्होंने साल 1947 में मिली आज़ादी को “भीख़” में मिली है।
अब ये बात बिल्कुल सूखे पत्ते की तरह आग लग गई और देखते ही देखते देश के तमाम बुद्धजीवी कंगना रनौट से सभी राष्ट्रीय अवॉर्ड वापस लेने की मांग कर डाली।
आप को बता दें की कांग्रेस पार्टी की दिल्ली महिला विंग ने पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर मांग की है अभिनेत्री कंगना रनौट के ख़िलाफ़ राजद्रोह का मामला दर्ज की जाए ।
आप को बता दें की जो लोग स्वतंत्रा सेनानियों के अपमान की आज चिंता कर रहे है ये वही लोग है जो 70 साल तक चुप रहे जब “ भगात सिंह” को दिल्ली जैसे विश्वविध्याल में “भगात सिंह”आतंकवादी और लुटेरा पढ़ाया जाता रहा लेकिन किसी को तनिक अफसोफ़ नहीं हुआ वे आज ज्ञान दे रहें है, जब मोदी सरकार 2014 में बनी तो “भगात सिंह” को “शहिद भगत सिंह” का दर्जा दिया जिकों ले कर काँग्रेस ने विरोध की और साथ ही काँग्रेस ने ये तक बोल दिया की एक आतंकवादी कभी “शहिद” का दर्ज नहीं दिया जा सकता। आज वही काँग्रेस और उनके समर्थक खूब नारे लगा रहे है।
खैर अब देखना है की कंगना रनौट आगे क्या बोलती है, और आगे क्या – क्या होता है।
शनिवार को कंगना रनौट अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर कुछ बाते बताते हुए इस मुद्दे पर अपने रुख पर अड़ी हुई हैं।
उन्होंने उन्होंने इंस्टाग्राम अकाउंट पर लिखा कि वह स्वतंत्रता के लिए 1857 की सामूहिक लड़ाई के बारे में जानती हैं लेकिन 1947 में किसी युद्ध के बारे में उन्होंने जानकारी नहीं है, कृपया जिसे पता है वे इसे बताएं और मेरी मदद करिए.” इस जानकारी के लिए।
यदि मुझे कोई 1947 के किसी युद्ध के बारे में जानकारी देता है तो मैं अपना पद्मश्री वापस कर दूंगी और माफ़ी भी मांग लूंगी।
कृपया आप भी नीचे दिए गए कमेन्ट बॉक्स के माध्यम से बताएं की कंगना रनौट के बात से आप कितना सहमत है।
रनौट ने हाल ही में एक निजी चैनल के कार्यक्रम के दौरान कहा था कि भारत को “असली आज़ादी”2014 में मिली है. उन्होंने साल 1947 में मिली आज़ादी को “भीख़” की संज्ञा दी थी.
शिवसेना ने इस बयान पर आपत्ति जताते हुए कंगना रनौट से सभी राष्ट्रीय अवॉर्ड वापस लेने की मांग की है.
इसके साथ ही कांग्रेस पार्टी की दिल्ली महिला विंग ने पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर मांग की है कि कंगना रनौट के ख़िलाफ़ राजद्रोह का मामला दर्ज किया जाए.
कंगना रनौट अब तक इस मुद्दे पर अपने रुख पर अड़ी हुई हैं.
शनिवार को उन्होंने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक किताब का पैराग्राफ़ शेयर किया जिसमें स्वतंत्रता सेनानियों बाल गंगाधर तिलक, अरबिंदो घोष, बिपिन चंद्र पाल का हवाला दिया गया है.
उन्होंने लिखा कि वह स्वतंत्रता के लिए 1857 की सामूहिक लड़ाई के बारे में जानती हैं लेकिन 1947 में किसी युद्ध के बारे में उन्होंने नहीं पता.
वे लिखती हैं, “मैं जानती हूं कि 1857 में युद्ध लड़ा गया था. लेकिन 1947 में कौन सा युद्ध लड़ा गया. मुझे इसकी जानकारी नहीं है. अगर कोई ये जानकारी मुझे दे सके तो मैं अपना पद्मश्री वापस कर दूंगी और माफ़ी भी मांग लूंगी. मेरी मदद करिए.”