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Tag: GSLV मार्क

GSLV मार्क-3 का वजन 200 हाथियों के बराबर  साथ ही GSLV मार्क में बहुत सारे खूबियां चौंकाने वाली खुबिया है |

GSLV मार्क-3 का वजन 200 हाथियों के बराबर साथ ही GSLV मार्क में बहुत सारे खूबियां चौंकाने वाली खुबिया है |

टेक्नोलॉजी, मुख्य
देश के सबसे बड़े रॉकेट जीएसएलवी-मार्क 3 का सफल प्रक्षेपण 5 जून को किया गया , इसकी सफलता के साथ ही भारत ने अंतरिक्ष में बड़ी कामयाबी हासिल कर ली है.| तीन टन से ज्यादा वजनी जीसैट-19 उपग्रह भारत में बना और प्रक्षेपित होने वाला सबसे भारी उपग्रह है | - जीएसएलवी एमके-तृतीय देश का पहला ऐसा उपग्रह है जो तेज स्पीड वाली इंटरनेट सेवाएं मुहैया करने के साथ दूर स्थानों को जोड़ने में सक्षम है, जहाँ फाइबर ऑप्टिक इंटरनेट नहीं पहुंच पा रहा है | - जीसैट-19 को पहली बार स्वदेश निर्मित लीथियम आयन बैटरियों से संचालित किया जा रहा है. - अब तक 2300 किलोग्राम से अधिक वजन के संचार उपग्रहों के लिए इसरो को विदेशी लांचरों पर निर्भर करना पड़ता था. - इस रॉकेट की सबसे बड़ी खासियत यह थी कि रॉकेट के मुख्य व सबसे बड़े क्रायोजेनिक इंजन को इसरो के वैज्ञानिकों ने भारत में ही विकसित किया. - यह रॉकेट 640 टन वजनी और 43.43 मीटर
GSLV मार्क-3 का सफल प्रक्षेपण, PM मोदी ने इसरो को दी बधाई

GSLV मार्क-3 का सफल प्रक्षेपण, PM मोदी ने इसरो को दी बधाई

टेक्नोलॉजी, मुख्य
इसरो ने अपने सबसे भारी रॉकेट जीएसएलवी मार्क-3 का सफल प्रक्षेपण किया है. जीएसएलवी (GSLV) मार्क-3 ने अपने साथ संचार उपग्रह जीसैट-19 को लेकर उड़ान भरी. जीएसएलवी एमके थ्री भारत का सबसे भारी रॉकेट है. जीएसएलवी एमके-थ्री का प्रक्षेपण श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से सोमवार 5 जून को शाम 5.28 बजे किया गया | इसरो अध्यक्ष एस एस किरण कुमार ने बताया कि ये मिशन बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह अब तक का सबसे भारी रॉकेट और उपग्रह है  अब तक 2300 किलोग्राम से अधिक वजन के संचार उपग्रहों के लिए इसरो को विदेशी लॉन्चरों पर निर्भर रहना पड़ता था. उन्होंने बताया कि जीएसएलवी एमके थ्री-डी 4000 किलो तक के पेलोड को उठाकर जीटीओ और 10 हजार किलो तक के पेलोड को पृथ्वी की निचली कक्षा में पहुंचाने में सक्षम है. इनके प्रक्षेपण के साथ ही डिजिटल भारत को मजबूती मिलेगी. साथ ही ऐसी इंटरनेट सेवाएं मिलेगी जैसे पहले कभी नहीं