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मैं और ब्रह्मांड-अजय अमिताभ सुमन

 

Ajay Amit Suman

PC:Pixabay

मैं,
मेरा घर,
मेरा छोटा सा घर,
एक छोटे से गाँव में.
 


और गाँव,
मेरा गाँव,
मेरा छोटा सा गाँव,
एक शहर के पास.
 

और शहर,
वो छोटा सा शहर,
मेरे इस देश में.
 

और देश,
मेरा देश,
ऐसे सैकड़ो देश,
धरती पे.
 

और धरती,
ये धरती,
मेरी प्यारी धरती,
मेरी छोटी सी धरती,
घुमती गोल गोल,
सूरज के चारों  ओर,
अन्य ग्रहों के साथ.
 

और सूरज,
मेरा सूरज,
मेरा प्यारा सूरज,
घुमता गोल गोल,
अपने ग्रहों के साथ,
एक अकाश गंगा के पीछे.
 

और अकाश गंगा,
मेरी अकाश गंगा,
जहाँ हजारों तारे,
करोड़ो तारे,
जहाँ ब्लैक होल्स,
हजारों ब्लैक होल्स,
करोड़ो ब्लैक होल्स,
अनगिनत ब्लैक होल्स.
 

जहाँ तारे,
हजारों तारे,
करोड़ो तारे,
बनते,मिटते.
 

और ऐसी आकाश गंगा,
हजारों आकाश गंगा,
करोड़ो आकाश गंगा,
अनगिनत आकाश गंगा,
जनमती आकाश गंगा,
बिगड़ती आकाश गंगा,
मिटती आकाश गंगा.
 

और मैं इनका हिस्सा,
अदना सा हिस्सा.
 

मैं,मेरा घर,
मेरा छोटा सा घर.
 

 

अजय अमिताभ सुमन
                                                                                          सर्वाधिकार सुरक्षित

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