हठ योग – योगासन और क्रिया में क्यों लगाए जाते हैं बंध? | Hatha Yoga | Yog Dhyan
हठ योग और क्रिया योग में कुछ ऐसे आसन और क्रियाएं होती हैं, जिनमें बंध लगाया जाता है। एक साधक ने सद्गुरु से बंध लगाने का महत्व जानना चाहा। जानते हैं सद्गुरु से।
पुरु : सद्गुरु, कुछ खास आसनों और क्रियाओं के अंत में जो ‘बंध’ किया जाता है, उसकी क्या अहमियत है?
योग के बंधों का लक्ष्य – ऊर्जा शरीर पर काबू पाना
सद्गुरु: जो बंध आप करते हैं, ये शुरुआती कदम हैं। बंध का मकसद धीरे-धीरे ऊर्जा पर काबू पाना और उसे मनचाहे ढंग से बंद करना है। प्रयोग के तौर पर आप अपने हाथ का इस्तेमाल करते हुए इसे आजमा सकते हैं।
शुरू में आप अपने शरीर का इस्तेमाल करते हुए जोर की मुट्ठी बांधें और फिर खोलें ‐ इसे तीन बार करें। फिर मन में इसे करें। आपको इस गतिविधि से होने वाली संवेदनाओं के प्रति सचेतन होना चाहिए। आप महसूस होने वाली संवेदनाओं के कारण ही जान पाते हैं कि आपकी मुट्ठी बंद है ‐ आपके लिए इसे जानने का