संघर्ष मुखर्जी नगर
" मुखर्जी नगर "
सरकारी नौकरी की प्यास मे पानी की उस बूँद जैसा जिससे किसी प्यासे की प्यास बुझ जाती हो, यही है मुखर्जी नगर |
कहा जाता है हमारे देश के हर कोने से यहां बच्चे आते है सरकारी नौकरी की चाहत और अपने सपनो को नयी दिशा और पूरा करसके इस ज़िद्द से,
आइये आपको थोड़ा इनकी स्थति से अवगत कराता हु....
दोस्तों तयारी के लिए आने वाले लाखों छात्र हैं जिनमे एक तो जो छोटी परीक्षाओ मे बस पास होकर सेव लाइफ सेव जॉब करने के सपने लिए बैठे हैं और दूसरे वो जो बड़ी भयंकर बीमारी से झूझ रहे हैं जिस बीमारी का नाम आई ए एस
दोस्तों ये वो बीमारी है जो आज मुखर्जी नगर के हर कोने मैं रहने वाले बच्चे के दिल मैं बस चुकी है कुछ के लिए ये नशा जैसी हो गयी है यहां रात कब होती है और दिन कब कुछ पता नहीं चलता, यहां चाय की चर्चा यहां बरसो की परंपरा बनी बैठी है जहां वो एक दूसरे से कुछ और बात करने के वजह बात करते