Thursday, December 26Welcome to hindipatrika.in

Tag: सविनय अवज्ञा आंदोलन

हर्षो उलाश से मनाया जाएगा चंपारण सत्याग्रह 100 वी  वर्षगांठ समारोह, भारत के पहले सविनय अवज्ञा आंदोलन के 100 वर्षों का जश्न मनाएं जो चंपारण सत्याग्रह के रूप में भी जाना जाता है। चंपारण सत्याग्रह के अनकही नायकों के बारे में अधिक जानने के लिए इस पेज को पढ़ें.

हर्षो उलाश से मनाया जाएगा चंपारण सत्याग्रह 100 वी वर्षगांठ समारोह, भारत के पहले सविनय अवज्ञा आंदोलन के 100 वर्षों का जश्न मनाएं जो चंपारण सत्याग्रह के रूप में भी जाना जाता है। चंपारण सत्याग्रह के अनकही नायकों के बारे में अधिक जानने के लिए इस पेज को पढ़ें.

देश
चंपारण सत्याग्रह (नील की खेती से सत्याग्रह तक ) गांधीजी एवं चंम्पारण सत्याग्रह गाँधी जी ने चम्पारण में अपना पहला कदम अप्रैल 1917 में रखा था। उन दिनों गांधी जी की भारत में कोई बड़ी पहचान नहीं थी। गांधीजी नील की खेती करने वालों को उनका सही हक दिलाना चाहते थे। अंग्रेज अधिकारियों ने गांधीजी को समझाने का प्रयास किया कि वे चम्पारण के लिए बाहरी व्यक्ति हैं। उनका चम्पारण से कोई लेना-देना नहीं है। अतः उनको चम्पारण के मामले से दूर रहना चाहिए। गांधीजी को आदेश दिया गया कि वे चम्पारण न जाएं। परन्तु गांधी जी ने उस आदेश की अवहेलना की और चम्पारण जाने का निर्णय लिया। लगभग एक साल के अन्दर गांधीजी ने सौ वर्षों से चली आ रही शोषणकारी नील की खेती से लगे दाग को धो डाला। साथ-साथ उन्होंने सत्याग्रह को एक ऐसे हथियार के रूप में प्रदान किया, जिसने हमारे देश को परतंत्रता से मुक्ति दिलायी, और वह भी मात्र तीस सालों