गर्भवती औरत का कैसे रखें ख्याल?
भारतीय संस्कृति में ब्रह्माण्ड को रचयिता के गर्भ के तौर पर देखा जाता है। इस संदर्भ में यहां महिला को एक ऐसे इंसान के तौर पर देखा जाता है, जो अपने भीतर एक पवित्र जगह रखती है। ऐसे में यहां इस पर बहुत ध्यान दिया गया है कि कैसे उसके साथ व्यवहार किया जाए, कैसे उस पावन स्थान को प्रतिष्ठित किया जाए, कैसे एक आदर्श बच्चे के जन्म के लिए उस स्थान को तैयार किया जाना चाहिए।
हर मासिक चक्र के समय होता था कर्मकांड
जब वह गर्भवती होगी तो उसका मासिक चक्र रुक जाएगा, लेकिन उसके हर चक्र के समय पर यहां एक विस्तृत कर्मकांड बताया गया है। कोई भी महिला आमतौर पर गर्भधारण के पहले से लेकर प्रसव तक ग्यारह कर्मकांडों से होकर गुजरती है। अगर उसके गर्भ का समय सामान्य है तो वह गर्भधारण के पहले से लेकर प्रसव तक ग्यारह मासिक चक्रों से होकर गुजरती है। इन ग्यारह चक्रों के लिए अपने यहां ग्यारह अलग-अलग कर्मकांड हैं, जहां उसके