Thursday, July 31Welcome to hindipatrika.in

धर्म-दर्शन

कृष्ण, योगी भी भोगी भी:अजय अमिताभ सुमन

कृष्ण, योगी भी भोगी भी:अजय अमिताभ सुमन

कृष्ण को समझना बहुत ही दुरूह और दुशाध्य कार्य  है. एक तरफ राधा को असीमित प्रेम करते है , तो दूसरी तरफ जब राधा का त्याग करते है तो पुरे जीवन फिर राधा को जीवन में मुड़ कर नहीं देखते हैं. एक तरफ उन्हें योगिराज कहते है तो दूसरी तरफ सोलह हजार रानियों के साथ शादी रचाते है . बचपन में नग्न कन्याओं के नहाते हुए वस्त्र हरते है तो दूसरी तरफ द्रोपदी का चीर हरण से बचाते है. बचपन में इंद्र से लड़ाई करते वक्त गोवर्धन पर्वत को कानी उंगली पर उठा लेते है , तो दूसरी ओर जरासंध से युद्ध में बचकर भाग निकलते है और रणछोड़ कहलाते हैं . जहाँ महाभारत शुरु होने से पहले महाबीर बर्बरीक के प्राण हर लेते है , तो दूसरी और अभिमन्यु के रक्षागत कोई उपाय नहीं करते है. महाभारत में शस्त्र नहीं उठाने का प्रण करते है तो दूसरी ओर भीष्म के वाणों से व्यथित होकर शस्त्र भी उठा लेते है . कृष्ण गीता का ज्ञान भी देते है और कर्ण को निहत
श्रीभगवानुवाच-अजय अमिताभ सुमन (सर्वाधिकार सुरक्षित)

श्रीभगवानुवाच-अजय अमिताभ सुमन (सर्वाधिकार सुरक्षित)

गीता-विभूति योग  श्रीभगवानुवाच "प्रह्लादश्चास्मि दैत्यानां कालः कलयतामहम्। मृगाणां च मृगेन्द्रोऽहं वैनतेयश्च पक्षिणाम्।।"   मैं दैत्यों में प्रह्लाद और गणना करने वालों का समय हूँ तथा पशुओं में मृगराज सिंह और पक्षियों में मैं गरुड़ हूँ।   पवन: पवतामस्मि राम: शस्त्रभृतामहम्। झषाणां मकरश्चास्मि स्रोतसामस्थि जाह्नवी।। सर्गाणामादिरन्तश्च मध्यं चैवाहमर्जुन। अध्यात्मविद्या विद्यानां वाद: प्रवदतामहम्।। और मैं पवित्र करने वालों में वायु और शस्त्रधारियों में राम हूं तथा मछलियों में मगरमच्छ हूं और नदियों में श्री भागीरथी गंगा जाह्नवी हूं। पशुओं मैं कृष्ण का मृगराज सिंह और मछलियों में घड़ियाल को चुनना कई सारे सवाल पैदा करता है . कृष्ण मृगराज सिंह को हीं  चुनते है, अपनी विभूति को दर्शाने के लिए ,  पशुओं में हाथी हैं , डायनासोर हैं, बाघ है , चीता  है , ऊंट है ,
आत्म कथ्य-अजय अमिताभ सुमन (सर्वाधिकार सुरक्षित)

आत्म कथ्य-अजय अमिताभ सुमन (सर्वाधिकार सुरक्षित)

  ना पूछो मैं क्या कहता हूँ , क्या करता हूँ क्या सुनता हूँ .  दुनिया को देखा जैसे , चलते वैसे ही मैं चलता हूँ . चुप नहीं रहने का करता दावा, और नहीं कुछ कह पाता हूँ. बहुत बड़ी उलझन है यारो, सचमुच मैं अब शर्मिन्दा हूँ सच नहीं कहना मज़बूरी, झूठ नहीं मैं सुन पाता हूँ . मन ही मन में जंग छिडी है , बिना आग के मैं जलता हूँ . सूरज का उगना है मुश्किल , फिर भी खुशफहमियों से सजता हूँ . कभी तो होगी सुबह सुहानी , शाम हूँ यारो मैं ढलता हूँ .                                                                                               अजय अमिताभ सुमन                                                                                           सर्वाधिकार सुरक्षित
चाह मेरी प्रभु पाने की तुझको-अजय अमिताभ सुमन (सर्वाधिकार सुरक्षित)

चाह मेरी प्रभु पाने की तुझको-अजय अमिताभ सुमन (सर्वाधिकार सुरक्षित)

मेरी चाहत प्रभु तुझे पाने की, पर तेरी मजबूूूरी आजमाने की। जमाने की नीयत उलझाने को मुझको। वासनाओं की हसरत सताने को मुुझको। ख्वाहिशों का अक्सर चलता मुझपे है जोर, पर प्रभु तझसे ही बंधी जीवन  की डोर। रास्ते हैं अनगिनत,अनगिनत हैं ठौर, मुश्किल हैं ठोकरें मुश्किल है दौड़। भटकन है तड़पन है कितने जमाने की। नियत नही फिर भी तुझको भुलाने की, मंजिल तो तू ही  प्रभु  तुझमें ही मिट जाना, तेरा हो जाना मेरा और मेरा तुझमे खो जाना।                                                                                                     अजय अमिताभ सुमन   सर्वाधिकार सुरक्षित 
माँ मुंडेश्वरी धाम मंदिर | Maa Mundeshwari Temple  Kaimur Bhabua Bihar | कैमूर (भभुआ), बिहार

माँ मुंडेश्वरी धाम मंदिर | Maa Mundeshwari Temple Kaimur Bhabua Bihar | कैमूर (भभुआ), बिहार

माँ मुंडेश्वरी को ऐतिहासिक दृष्टि से बिहार और दुनिया के सबसे प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक माना जाता है | यह प्राचीन मंदिर पुरातात्विक धरोहर ही नहीं, अपितु तीर्थाटन व पर्यटन का जीवंत केन्द्रद भी है। मन जाता है | कैमूर (भभुआ) जिला के दक्षिण में भगवानपुर क्षेत्र में पवरा पहाड़ी पर 608 फीट की ऊँचाई पर स्थित है| और मंदिर का मुख्य द्वार भी दक्षिण की ओर है। इस मंदिर को देख कर इसमें कोई सन्देह नहीं कि यह मंदिर भारत के सर्वाधिक प्राचीन व सुंदर मंदिरों में एक है | (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); दुनिया का सबसे प्राचीन मंदिर (प्राचीनता):- मुंडेश्वरी मंदिर की प्राचीनता का महत्व जग जाहिर है माना जाता है की कि यहाँ पर पूजा की परंपरा 1900 सालों से लगातार चली आ रही है और आज भी यह मंदिर पूरी तरह जीवंत है। मंदिर के निर्माण को ले कर यह दावे के साथ कहना कठिन है की इस मंदिर को
मोहनियाँ थान , जिला कैमूर (भबुआ) के ग्राम पिपरिया में महायज्ञ का आयोज़न

मोहनियाँ थान , जिला कैमूर (भबुआ) के ग्राम पिपरिया में महायज्ञ का आयोज़न

  गॉंव (village) पिपरिया, थान मोहनियाँ, जिला कैमूर (भबुआ), बिहार में माहायज्ञ का आयोज़न किया गया है! दिनांक 13 मई 2017 से 19 मई 2017 तक...